भ्रष्टाचार की गंगोत्री राजनीति से गर्भ में बैठी है

-जयसिंह रावत
एक बार उत्तराखण्ड के वरिष्ठ राजनेता हरक सिंह रावत ने कहा था कि आज जो नेता कहता है कि वह सबसे बड़ा ईमान्दार है तो मान लो कि वह सबसे बड़ा झूठा है। वास्तव में भ्रष्टाचार को राजनीति ने कदाचार में बदल दिया है। भ्रष्टाचार गुनाह नहीं बल्कि समाज द्वारा स्वीकार्य प्रगति का आधार है। भ्रष्टाचार के बिना आज राजनीति अधूरी है, असहाय है। झूठ बोला और जनता को बरगलाना भी एक भ्रष्टाचार है। कानून के लम्बे हाथ भी भ्रष्टाचारियों तक नहीं पहुंच रहे हैं। क्योंकि भ्रष्टाचार सर्वव्यापी हो गया। समाज की नस-नस में यह समा गया।

https://fb.watch/cAy9cXsvpu/

हैरानी का विषय यह कि आज सबसे अधिक चर्चा और भाषणबाजी भ्रष्टाचार पर ही होती है। इसी विषय पर उपदेश दिये जाते हैं लेकिन उपदेश देने वाले स्वयं अपने उपदेशों का पालन नहीं करते। जो जितना बड़ा लफ्फाज वह उतना बड़ा कामयाब। राजनीतिक दल जब सत्ता से बाहर होते हैं तो सत्ताधारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं, लेकिन जब स्वयं सत्ता में आते हैं फिर स्वयं के हित के लिये या दोहन के लिये देश या प्रदेश के संसाधन तलाशने लग जाते हैं। ईडी, सीबीआइ और इन्कम टैक्स के छापे केवल उन पर पड़ते हैं जो कि सत्ताधारियों पर ऊंगली उठाते हैं। मतलब यह कि जो भ्रष्टाचार रोकने के साधन हैं उनका उपयोग अपने कर्मो को छिपाने के लिये किया जाय। कैसे संभव है कि केवल विपक्ष में ही भ्रष्टाचारी हों? जबकि भ्रष्ट और शातिर लोग आने कुकर्मों को छिपाने या स्वयं को बचाने के लिये राजनीति की शरण लेते हैं। इस तरह के लोगां को सुरक्षित पनाह सत्ता की गोद में ही मिलती है और यह आज से नहीं बल्कि पहले से ही होता आ रहा है। यह सबसे बड़ा भ्रष्टाचार नही ंतो और क्या है? उत्तराखण्ड में लोकायुक्त को विधानसभा की फाइलों में दफना दिया फिर भी स्वयं को सबसे बड़ा ईमान्दार होने के दावे किये जाते हैं। यहां सत्ता की दोवेदार रही दोनों पार्टियां एक दूसरे पर घोटाले करने के आरोप तो लगाती हैं और उत्तराखण्ड को घोटाला प्रदेश बताती हैं मगर घोटालेबाजों पर कार्यवाही नहीं करती। क्योंकि राजनीति आज सबसे अधिक कमाई वाला व्यवसाय हो गया है। उत्तराखण्ड में जिन लोगों के पास सन् 2000 तक खटारा यजदी मोटर साइकिल होती थी वे आज अरबपति बन गये। ऐसे अरब पतियों को कौन चुनाव हरा सकता है? लेकिन आज नही ंतो कल लोगों की समझ में जरूर आयेगा कि न तो हिन्दुओं को मुसलमानों से और ना ही मुसलमानों को हिन्दुओं से कोई खतरा है तो केवल झूठ, लफ्फाजी, भ्रष्टाचार और समाज को धर्म, जाति और क्षेत्रवाद के नाम पर गुमराह करने वालों से है।

error: Content is protected !!