गणतंत्र दिवस समारोह पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों की उपस्थिति से मनाया गया
In an unprecedented and landmark initiative, Elected Representatives of Panchayati Raj Institutions participated in the 75th Republic Day Celebrations at Kartavya Path, showcasing the unity of the nation’s diverse stakeholders. The participation of Panchayat representatives’ along with their spouse in the iconic Republic Day Parade highlighted the majesty of the country and the might of its people, creating a spectacular confluence at Kartavya Path to ensure widespread people’s participation in the commemoration of this national festival. Around 400 participants from the Panchayats across the country as Special guests witnessed the grand Republic Day Parade at Kartavya Path, New Delhi.
-uttarakhandhimalaya.in-
नयी दिल्ली, 27 जनवरी। पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक पहल में, देश के विविध हितधारकों की एकता का प्रदर्शन करते हुए कर्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया। प्रतिष्ठित गणतंत्र दिवस परेड में अपने जीवनसाथी के साथ पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी ने देश की महिमा और उसके लोगों की शक्ति को उजागर किया, जिससे इस राष्ट्रीय त्योहार के उपलक्ष्य में व्यापक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कर्तव्य पथ पर एक शानदार संगम बना। विशेष अतिथि के रूप में देश भर की पंचायतों के लगभग 400 प्रतिभागियों ने नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर भव्य गणतंत्र दिवस परेड देखी।
देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस ‘भारत-लोकतंत्र की जननी’ और ‘विकसित भारत’ विषय के साथ मना रहा है। यह पहल पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने और देश के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने के मंत्रालय के दृष्टिकोण का एक प्रमाण है। यह अधिक सहभागी और समावेशी लोकतंत्र के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
गणतंत्र दिवस परेड के बाद, भाग लेने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह और राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल द्वारा सम्मानित किया गया, जिससे राष्ट्र के लोकतांत्रिक ढांचे में पंचायत की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर सचिव श्री विवेक भारद्वाज, अपर सचिव डॉ. चन्द्र शेखर कुमार, संयुक्त सचिव श्रीमती ममता वर्मा, पंचायती राज मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार डॉ. बिजय कुमार बेहरा, संयुक्त सचिव श्री राजेश कुमार सिंह और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
श्री गिरिराज सिंह ने सम्मानित सभा को संबोधित करते हुए, पंचायतों से आत्मनिर्भर बनने, विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने और वर्ष में छह बार सार्थक और सुव्यवस्थित ग्राम सभा बुलाने का आह्वान किया। स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के महत्व पर बल देते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों से नौ चिन्हित विषयगत क्षेत्रों में लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में दृढ़ता से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे, आजीविका और अन्य विषयगत क्षेत्रों में उद्देश्यों को साकार करने में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर बल दिया।
केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, उनसे समर्पण, नवाचार और सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हुए उत्कृष्टता की खोज में निरंतर बने रहने का आग्रह किया। श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने आज के संवाद-सह-सम्मान कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण और विकास के विकेंद्रीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के साथ एक दूरदर्शी दृष्टिकोण के रूप में उल्लेख करते हुए, पंचायत प्रतिनिधियों को अपने संबंधित पंचायतों में बदलाव के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के साथ स्थानीय निवासियों और प्रमुख हितधारकों को सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए के काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने कहा कि 75वां गणतंत्र दिवस समारोह पंचायत प्रतिनिधियों को सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण (एलएसडीजी) के नौ चिन्हित विषयगत क्षेत्रों में परिवर्तन के वास्तुकार के रूप में अपनी भूमिका अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। श्री पाटिल के शब्दों में देश के विकास में सार्थक योगदान देने और नागरिकों के जीवन पर स्थायी प्रभाव पैदा करने की सामूहिक प्रतिध्वनि सुनाई देती है।
पंचायत प्रतिनिधियों की उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया ने लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत के विकास की परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान देने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रत्येक पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने और सेवा वितरण में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के सामूहिक संकल्प को प्रोत्साहन देते हुए सरकार द्वारा उन्हें दिए गए सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया।
साझा दृष्टिकोण गांवों के समग्र विकास को सुविधाजनक बनाना है, ताकि विकसित और समावेशी भारत की खोज में कोई भी पीछे न रहे। पंचायती राज मंत्रालय की ऐतिहासिक पहल जमीनी स्तर की शासन संरचनाओं और राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच सहयोग को प्रोत्साहन देने, राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के लिए एक साझा दृष्टिकोण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।