एमआईएफएफ 2024 की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सम्मानित होने के लिए 77 फ़िल्में प्रतिस्पर्धा करेंगी
- Best Films in Documentary, Short Film & Animation category to be Awarded the Coveted Silver Conch
- Special Award to be given for Short Film on ‘India in Amrit Kaal’ at 18th MIFF
- From Classrooms to Contestants: 12 Student Films competing under National Competition at MIFF 2024
18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) के रूप में सिनेमाई उत्कृष्टता की खोज को एक मंच मिलेगा, जिसमें भारतीय सिनेमा की जीवंत झलक प्रदर्शित की जायेगी। रिकॉर्ड 840 प्रविष्टियों के साथ, महोत्सव सावधानीपूर्वक चयन की गयी 77 फिल्मों का अनावरण करेगा, जो राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग ले रहीं हैं। राष्ट्रीय प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रतिस्पर्धा करने वाली फिल्में 01 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2023 के बीच भारतीय नागरिकों द्वारा भारत में निर्मित की गई हैं।
इस साल 15 से 21 जून के बीच आयोजित किया जा रहा एमआईएफएफ, भारतीय सिनेमा के भविष्य का प्रतीक है। नवोदित निर्देशकों की 30 उल्लेखनीय फिल्मों और 12 छात्र कृतियों ने प्रतियोगियों के बीच अपनी जगह बनायी है। नए दृष्टिकोणों और कहानियों की नयी दृष्टि से मोहित होने के लिए तैयार हो जाइए। आप राष्ट्रीय प्रतियोगिता की फ़िल्मों की पूरी सूची यहाँ देख सकते हैं। https://miff.in/wp-content/uploads/2024/06/National-Competition-MIFF-2024.pdf
राष्ट्रीय प्रतियोगिता के अंतर्गत फ़िल्में तीन श्रेणियों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं:
*राष्ट्रीय वृत्तचित्र प्रतियोगिता: इस खंड में 30 विचारोत्तेजक वृत्तचित्र दिखाए जा रहे हैं।
*राष्ट्रीय प्रतियोगिता: लघु कथा और एनीमेशन: लघु कथा और एनीमेशन शैलियों को शामिल करने वाली 41 फिल्मों के साथ कहानी कहने की शक्ति का अनुभव करें।
*राष्ट्रीय प्रतियोगिता: अमृत काल में भारत: इस विषय पर केन्द्रित व विशेष रूप से निर्मित छह फिल्मों के माध्यम से देश के भविष्य की परिकल्पना करें।
विजेता फिल्मों और फिल्म निर्माताओं (नीचे सूचीबद्ध) के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार, प्रतिष्ठा को और भी बढ़ा देते हैं, जिससे एमआईएफएफ राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भागीदारी वास्तव में एक प्रेरणादायक उत्सव बन जाती है।
पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है:
राष्ट्रीय प्रतियोगिता पुरस्कार:
*सर्वश्रेष्ठ भारतीय वृत्तचित्र फिल्म: रजत शंख और 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
*सर्वश्रेष्ठ भारतीय लघु कथा फिल्म (30 मिनट तक): रजत शंख और 3 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
*सर्वश्रेष्ठ भारतीय एनिमेशन फिल्म: रजत शंख और 3 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
*सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म (प्रायोजित पुरस्कार): ट्रॉफी और 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
*सर्वश्रेष्ठ छात्र फिल्म (प्रायोजित पुरस्कार): ट्रॉफी और 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
*”अमृत काल में भारत” पर सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म (15 मिनट तक) के लिए विशेष पुरस्कार: केवल भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए खुला, पुरस्कार के रूप में एक ट्रॉफी और 1 लाख रुपये के नकद पुरस्कार।
तकनीकी पुरस्कार (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए मान्य):
*सिनेमैटोग्राफी: प्रमाण पत्र और 3 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
*संपादन: प्रमाण पत्र और 3 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
*साउंड डिजाइन: प्रमाण पत्र और 3 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
अतिरिक्त सम्मान:
एफआईपीआरईएससीआई जूरी पुरस्कार: अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समीक्षक संघ (एफआईपीआरईएससीआई) का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन प्रतिष्ठित फिल्म समीक्षक, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में एक वृत्तचित्र को पुरस्कार प्रदान करेंगे।
राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए जूरी
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म दिग्गजों का एक प्रतिष्ठित पैनल राष्ट्रीय प्रतियोगिता की अध्यक्षता करेगा। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव एक विवेकपूर्ण चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करते हैं।
इस वर्ष राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए जूरी सदस्यों में जर्मन फिल्म निर्माता एडेल सीलमैन (दास वीबे रौशेन, एल्स औफ डाइ सिबज़ेन); फिल्म निर्माता डॉ. बॉबी सरमा बरुआ (मिशिंग, सोनार बरन पाखी); एनिमेटर मुंजल श्रॉफ (कृष, त्रिश और बाल्टीबॉय); फिल्म निर्माता अपूर्व बख्शी (दिल्ली क्राइम) और जर्मन फिल्म निर्माता अन्ना हेनकेल-डोनर्समार्क शामिल हैं।
जूरी राष्ट्रीय प्रतियोगिता पुरस्कार प्रदान करेगी, जिसमें सर्वश्रेष्ठ भारतीय वृत्तचित्र, लघु फिल्म, एनीमेशन, सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म, सर्वश्रेष्ठ छात्र फिल्म और तकनीकी पुरस्कार शामिल हैं। जूरी “अमृत काल में भारत” पर सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म के लिए विशेष पुरस्कार के विजेता का भी चयन करेगी।