पर्यावरणब्लॉग

पर्यावरण के मोर्चे पर अकेले जूझा हुआ है 78 वर्षीय योद्धा

-पोखरी से राजेश्वरी राणा –

वर्तमान भौतिकवादी युग में मानव द्बारा जंगलों के अत्यधिक दोहन के कारण जंगलों की संख्या घटती जा रही है, जिससे पर्यावरण असंतुलन का खतरा बढ़ गया है जिससे जलवायु परिवर्तन होने से कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं । मानव जीवन के लिए इस गंभीर समस्या की ओर समाज का ध्यान आकर्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ उगा कर पोग्ठा गांव के 78 वर्षीय बुजुर्ग रणजीत नेगी बीड़ा  उठाया है। उम्र की समस्याओं को पीछे धकेल कर पर्यावरण योद्धा अपने दम पर अकेले मोर्चे पर जूझा हुआ है।

बुजुर्ग  रणजीत सिंह नेगी ने कार्तिक स्वामी और कालीमठ के जंगलों में देवदार के पौधों के हजारों बीज बोकर हजारों  की संख्या में देवदार के पौधे उगाये हैं  । जिससे इन पौधों के बड़े होने से ये जंगल धीरे धीरे घने जंगलों में परिवर्तित हो जायेगें  तथा पर्यावरण  संरक्षण में मदद मिलेगी ।

चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के बेस कैंप कनकचौरी से सटे पोगठा गांव के 78 वर्षीय बुजुर्ग रणजीत सिंह नेगी ने बीज बम के तहत कार्तिक स्वामी और कालीमठ के जंगलों में बड़ी तादात में देवदार के बीज को बोया।जो कि अब अंकुरित हो चुके हैं । जिसके बाद हजारों की संख्या में पौधे उगने शुरू हो गए हैं ।अब वह तुंगनाथ के जंगलों में भी देवदार के पौधे लगायेंगे ।

जंगलों को हरा-भरा रखने की मुहिम उठाये हुए बुजुर्ग रणजीत सिंह नेगी इन जंगलों में जाकर पौधों की स्वयं देख रेख कर रहे हैं । साथ ही अपने पैसों से इन्होंने इन नव अंकुरित देवदार के पेड़ों  के रख रखाव के लिए दो दैनिक श्रमिकों को भी अपने साथ रखा  है।

सामाजिक कार्यकर्ता एवं कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के प्रबंधक रमेश नेगी, पोगठा के पूर्व प्रधान बलराम नेगी ने 78 वर्षीय बुजुर्ग रणजीत सिंह नेगी की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि नौजवान युवाओं को भी इनसे प्रेरणा लेकर अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण कर जंगलों को हरा-भरा करने में अपनी भागीदारी करनी चाहिए ।

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