आसमानी आफत टलने वाली नहीं अभी, सितम्बर में और अधिक बरसने वाला है आसमान
नई दिल्ली, 1 सितम्बर: देशभर में सितंबर महीने में औसत बारिश ‘सामान्य से अधिक’ होने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि इस महीने की बारिश दीर्घावधि औसत से 10% से अधिक हो सकती है। विभाग ने चेतावनी दी कि उत्तराखंड, उत्तर राजस्थान, दक्षिण हरियाणा, दिल्ली और उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा हो सकती है। विभाग ने कहा कि इस तरह की चरम मौसमी घटनाएं भूस्खलन, मलबा गिरने, अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) और शहरी जलभराव जैसी स्थितियां पैदा कर सकती हैं।
भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो देश के अधिकांश हिस्सों में सितंबर में ‘सामान्य’ से ‘सामान्य से अधिक’ बारिश होने की संभावना है। हालांकि, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ इलाकों और देश के उत्तरी सिरे के कुछ हिस्सों में ‘सामान्य से कम’ बारिश हो सकती है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 1980 के दशक से सितंबर में बारिश बढ़ने का रुझान देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सतर्क रहने और संभावित खतरों से बचाव के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मानसून की वापसी की तारीख वर्षों में 1 सितंबर से बढ़कर 17 सितंबर हो जाने से सितंबर में बारिश बढ़ने का रुझान है। पश्चिमी विक्षोभों और मानसून प्रणाली के आपसी प्रभाव के कारण संक्रमण काल में औसत से अधिक बारिश होती है। इसलिए पूरे महीने सतर्क रहना बेहद जरूरी है, खासकर पहाड़ी इलाकों और उन राज्यों में जहां से कई नदियां निकलती हैं।
आईएमडी के अगस्त महीने के आंकड़े बताते हैं कि भले ही अगस्त में देशभर में औसत बारिश केवल 5% अधिक हुई हो, लेकिन उत्तर पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में यह क्रमशः 34% और 31% अधिक दर्ज की गई।
