जोशीमठ के पल्ला गाँव में भूधंसाव: अतुल सती ने टीएचडीसी को ठहराया जिम्मेदार
ज्योतिर्मठ, 06 सितंबर (कपरुवाण)। भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव अतुल सती ने अपनी टीम के साथ भूधंसाव प्रभावित पल्ला गाँव का दौरा कर पीड़ित परिवारों का हालचाल जाना। उन्होंने पल्ला गाँव को मौजूदा संकट की स्थिति में पहुँचाने के लिए विष्णुगाढ़-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना की निर्मात्री कंपनी टीएचडीसी को जिम्मेदार ठहराया।
सीमांत ब्लॉक जोशीमठ के अंबेडकर ग्रामसभा अंतर्गत पल्ला गाँव में भूधंसाव से गरीब दलित परिवारों के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। मकान असुरक्षित होने के कारण सभी परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए हैं और किसी तरह आस-पड़ोस में शरण ले रखी है।
अतुल सती ने बताया कि गांव के ठीक नीचे टीएचडीसी द्वारा निर्माणाधीन विष्णुगाढ़-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना की सुरंग से किए जा रहे लगातार विस्फोटों ने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। इसका असर न केवल मकानों पर पड़ा है बल्कि ग्रामीणों की थोड़ी-बहुत कृषि भूमि भी असुरक्षित हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति स्थायी बसावट के अनुकूल नहीं है।
सती के अनुसार प्रशासन ने राहत के नाम पर तीस प्रभावित परिवारों के लिए केवल दो टेंट उपलब्ध कराए हैं, जो बेहद अपर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि अधिक ऊँचाई पर स्थित इस गांव में सर्दियों का मौसम आने पर स्थिति और विकट हो जाएगी।
उन्होंने प्रभावित परिवारों के लिए निम्न मांगें रखीं—
आपदा राहत के तहत प्रत्येक परिवार को तत्काल एक लाख रुपए की अहेतुक सहायता दी जाए।
स्थायी पुनर्वास तक अस्थायी राहत कैंप स्थापित कर परिवारों को सामान रखने की सुविधा दी जाए।
प्रभावित परिवारों को घर और कृषि भूमि के बदले नया घर व भूमि उपलब्ध कराई जाए।
टीएचडीसी सभी परिवारों को पाँच लाख रुपए का मुआवजा तथा एक-एक सदस्य को रोजगार दे।
प्रभावित परिवारों की जीवन रक्षा हेतु भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
गांव तक पहुंचने के मार्ग को सुचारू और व्यवस्थित किया जाए।
अतुल सती ने यह भी कहा कि टीएचडीसी के लगातार विस्फोटों से पूरा क्षेत्र अस्थिर हो चुका है। कंपनी पर इसकी जिम्मेदारी तय कर जुर्माना वसूला जाए और भविष्य में विस्फोटकों के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
भ्रमण के दौरान उनके साथ भाकपा ब्लॉक कमेटी के सदस्य दीपक टमटा, के.एन. डिमरी, सचिव विनोद कुमार और सीमा सती भी मौजूद रहे।
