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कश्मीर की ‘सामूहिक कब्रों’ में आतंकियों के शव, न कि आम नागरिकों के: अध्ययन

6 वर्षीय फील्ड स्टडी ने 4,000 से अधिक कब्रों पर ‘पाक नैरेटिव’ को किया खारिज

नई दिल्ली, 6 सितम्बर। ‘पाकिस्तानी नैरेटिव’ को खारिज करते हुए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित धारणाओं को चुनौती देते हुए, कश्मीर के चार सीमावर्ती जिलों में 4,000 से अधिक अचिह्नित कब्रों पर छह साल तक किए गए अध्ययन से पता चला है कि इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक विदेशी और स्थानीय आतंकियों के शव हैं।

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इन कब्रों को राज्य प्रायोजित अत्याचारों का सबूत बताकर पेश करना भ्रामक है, क्योंकि केवल 9 कब्रें ही नागरिकों की निकलीं।

यह रिपोर्ट “अनरेवलिंग द ट्रुथ: ए क्रिटिकल स्टडी ऑफ अनमार्क्ड एंड अनआइडेंटिफाइड ग्रेव्स इन कश्मीर वैली” (Unravelling the Truth: A Critical Study of Unmarked and Unidentified Graves in Kashmir Valley) शीर्षक से सेव यूथ सेव फ्यूचर फाउंडेशन ने तैयार की है। यह संस्था 2015 में बनी थी और मदरसों के आधुनिकीकरण, डि-रेडिकलाइजेशन, नशा मुक्ति, सूफी परंपराओं के पुनरुद्धार, और युवाओं को स्वरोज़गार से जोड़ने जैसे काम कर रही है।

अध्ययन में 2009 की रिपोर्ट ‘बरीइंग द एविडेंस’ (Burying the Evidence) का भी हवाला दिया गया, जिसे इंटरनेशनल पीपुल्स ट्रिब्यूनल ऑन ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस इन कश्मीर तथा ‘एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स ऑफ डिसएपियर्ड पर्सन्स’ ने जारी किया था।

रिपोर्ट के अनुसार, “हालांकि इन कब्रों को मानवीय चिंता से जोड़ा गया, लेकिन इस परिदृश्य को विचारधारात्मक पूर्वाग्रह ने गढ़ा, जिसमें आतंकियों या विदेशी घुसपैठियों की मौजूदगी की अनदेखी कर राज्य प्रायोजित अपराधों पर अधिक ध्यान दिया गया।”

मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक वजाहत फारूक भट्ट ने कहा कि 380 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में अनिका नज़ार और मुदस्सिर अहमद डार ने भी योगदान दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक––

  • कुल 4,056 कब्रों का भौतिक निरीक्षण किया गया।
  • 2,493 कब्रें (61.5%) विदेशी आतंकियों की पाई गईं, जो पाकिस्तान व पीओके से आए थे और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ों में मारे गए।
  • 1,208 कब्रें (29.8%) स्थानीय आतंकियों की पाई गईं, जिनकी पहचान कर परिवारों ने शव ले लिए थे।
  • केवल 276 कब्रें (6.8%) ऐसी थीं जिनमें शव अज्ञात रहे।
  • इनमें से केवल 9 ही नागरिकों की थीं।
  • ये कब्रें मुख्यतः बारामुला जिले में केंद्रित थीं।

रिपोर्ट का कहना है कि यह अध्ययन कश्मीर में उग्रवाद के उस राजनीतिक रूपांतरण के संदर्भ में है, जो पाकिस्तान की भागीदारी से शुरू हुआ था।

रिपोर्ट की सिफारिशें––
276 अज्ञात कब्रों की डीएनए जांच कराई जाए, ताकि शवों की पहचान हो सके और परिजनों को सौंपा जा सके। इससे भरोसा और पारदर्शिता बढ़ेगी।

रिपोर्ट ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को ‘नैतिक जिम्मेदारी’ लेकर अपनी भूमिका स्वीकार करनी चाहिए, क्योंकि उसने कश्मीर में घुसपैठ और हिंसा कराई।

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