उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: देहरादून समेत कई जिलों में चेतावनी, भूस्खलन का खतरा बढ़ा
देहरादून, 14 सितंबर । उत्तराखंड में मॉनसून ने एक बार फिर करवट ली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज (14 सितंबर) को देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर, टिहरी, पौड़ी, और चंपावत सहित कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। देहरादून से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार रात से ही राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में झमाझम बारिश का दौर जारी है, जिसने जनजीवन को प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए आकाशीय बिजली और भूस्खलन की आशंका भी जताई है।
मौसम का ताजा अपडेट
IMD के अनुसार, 14 सितंबर को देहरादून में बादल छाए रहेंगे, और अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। शनिवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री और पंतनगर में 34.5 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों जैसे मुक्तेश्वर (21.6 डिग्री) और नई टिहरी (25.2 डिग्री) में ठंडक बनी रही। आज सुबह से ही पछवादून और देहरादून में बारिश की बौछारें देखी गईं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि देहरादून, नैनीताल, और बागेश्वर में कहीं-कहीं भारी बारिश के साथ गर्जन और बिजली गिरने की संभावना है। अन्य जिलों जैसे उत्तरकाशी, चमोली, और पिथौरागढ़ में भी मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
प्रशासन सतर्क, सुरक्षा के निर्देश
उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग को 24 घंटे निगरानी रखने और राहत कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। टिहरी जिले में शनिवार (13 सितंबर) को भारी बारिश के अलर्ट के चलते कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखे गए थे। हालांकि, 14 सितंबर के लिए स्कूल बंदी का कोई नया आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है।
प्रशासन ने लोगों से निम्नलिखित सावधानियां बरतने की अपील की है:
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अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में।
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नदियों और नालों के किनारे न जाएं।
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भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें।
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आपात स्थिति में पुलिस हेल्पलाइन 112 या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
हालिया प्रभाव और भविष्य की चेतावनी
पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश ने कहर बरपाया है। उत्तरकाशी के नौगांव में हाल ही में बादल फटने की घटना ने सड़कों और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया। चारधाम यात्रा, विशेष रूप से यमुनोत्री और गंगोत्री, बारिश और भूस्खलन के कारण प्रभावित हुई है। गंगा का जलस्तर 338.16 मीटर तक पहुंच गया है, जिसके कारण रिवर राफ्टिंग पर निर्णय अभी लंबित है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर में इस तरह का मौसम असामान्य नहीं है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश का पैटर्न अधिक तीव्र हो गया है। IMD ने संकेत दिया है कि 15 सितंबर से बारिश की तीव्रता में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन पूरी राहत के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है।
नागरिकों से सतर्कता की अपील
मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और मौसम अपडेट्स पर नजर रखने की सलाह दी है। देहरादून और अन्य प्रभावित जिलों में जलभराव और सड़क अवरोध की स्थिति बन सकती है। स्थानीय निवासियों और चारधाम यात्रियों को विशेष रूप से सावधानी बरतने को कहा गया है।
नवीनतम अपडेट के लिए IMD की आधिकारिक वेबसाइट (www.imd.gov.in) या स्थानीय समाचार चैनलों का अनुसरण करें। सुरक्षित रहें, सतर्क रहें!
