देहरादून आसमानी आफत का भयंकर कहर ; 13 मरे, 16 लापता, कई घायल
देहरादून, 16 सितम्बर। राजधानी देहरादून और उसके आसपास के इलाकों में सोमवार देर रात और मंगलवार तड़के बादल फटने व अतिवृष्टि से अभूतपूर्व तबाही मची। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार अब तक केवल देहरादून जनपद में ही 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 10 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 8 लोगों के बहने और 2 के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार घटनाएं अलग-अलग स्थानों पर दर्ज हुईं।
कालसी व मंसूरा क्षेत्र: यहां सबसे भीषण आपदा हुई जहां कई मकान, दुकानें और रिसॉर्ट मलबे में दब गए। 6 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
डीआईटी कॉलेज के पास मसूरी-डायवर्जन रोड: यहां 2 लोगों के बहने की पुष्टि हुई।
प्रेमनगर-देवभूमि कॉलेज क्षेत्र: एक होटल में फंसे करीब 400-500 लोगों को राहत दलों ने सुरक्षित बाहर निकाला।
कालसी-जजरेट क्षेत्र: पत्थर गिरने से एक युवक की मौत हो गई।
भगत सिंह कॉलोनी और राजपुर क्षेत्र: 4 लोग लापता हुए हैं।
टपकेश्वर मंदिर क्षेत्र: यहां भी 2 लोगों के बहने की खबर है।
विकासनगर/सहसपुर थाना क्षेत्र: परवल-08 गांव में एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत हुई और 4 लोग लापता हैं।
अब तक की पुष्टि के अनुसार मृतकों में रामबहादुर (40 वर्ष), अनिल कुमार, जया पुत्री अनिल, बबलू (22 वर्ष), फरमान (28 वर्ष), शोभावती (55 वर्ष), सुशीला (22 वर्ष), हरसराम (60 वर्ष), नरेश, मदन (18 वर्ष), रानी (18 वर्ष) और किरण शामिल हैं।
वहीं, गंभीर रूप से घायल लोगों में अमनपाल व अमन शामिल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार राहत-बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। अब तक लगभग 900 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है।
देहरादून जिले के अलावा,
पिथौरागढ़ जिले के लोहागांव में एक मकान ध्वस्त होने से जनवीर गाड़ा की मौत हुई।
नैनीताल जिले के कालाढूंगी में बरसाती नाले में वाहन बहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 2 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया।
अब तक का आपदा प्रबंधन रिपोर्ट (16 सितम्बर शाम 6 बजे तक):
देहरादून – 13 मृतक, लगभग 16 लापता, 3 घायल, 900 से अधिक लोग सुरक्षित निकाले गए।
पिथौरागढ़ – 1 मृतक।
नैनीताल – 1 मृतक, 2 रेस्क्यू।
कुल मृतक – 15।
देहरादून के लिए यह हालिया वर्षों की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा मानी जा रही है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है।
