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तबाही मचा कर उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों से मानसून हुआ विदा

 

–उषा रावत की रिपोर्ट-

देहरादून, 28 सितंबर। उत्तराखंड से दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई शुरू हो चुकी है। भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, राज्य में मानसून 24 सितंबर से पीछे हटना शुरू हुआ और 25 सितंबर तक अधिकांश हिस्सों से विदाई हो गई। हालांकि चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी जिलों में 26-27 सितंबर तक हल्की बिखरी वर्षा होती रही। 1 अक्टूबर तक पूरे देश से मानसून की पूर्ण विदाई की संभावना है।

सामान्य से अधिक बारिश

इस वर्ष उत्तराखंड में 1 जून से 23 सितंबर तक कुल 1,410.8 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जो सामान्य (1,137 मिमी) से करीब 24 प्रतिशत अधिक है। जून में मानसून सामान्य से एक दिन पहले (27 जून) पहुंचा और सितंबर में औसत से 109% अधिक बारिश हुई।

अधिक वर्षा वाले जिले: बागेश्वर (रिकॉर्ड 1,500+ मिमी), चमोली, टिहरी, हरिद्वार, अल्मोड़ा और देहरादून।

कम वर्षा वाले जिले: पौड़ी और चंपावत।

तबाही और नुकसान

अत्यधिक वर्षा और क्लाउडबर्स्ट ने राज्य को भारी क्षति पहुंचाई।

जनहानि: 263 मौतें और कई लापता।

बुनियादी ढांचा: 486 सड़कें क्षतिग्रस्त, 790 घर प्रभावित, 156 स्कूलों को नुकसान।

कुल नुकसान: लगभग ₹5,700 करोड़ का अनुमान।

चारधाम यात्रा कई बार बाधित रही। उत्तरकाशी के धराली, चमोली के थराली-नंदानगर और देहरादून के मालदेवता-सहस्त्रधारा क्षेत्र में भारी तबाही देखी गई।

वर्तमान स्थिति

राज्य के मैदानी जिलों (देहरादून, हरिद्वार) में अब मौसम शुष्क है और तापमान 28-32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। नैनीताल व मसूरी जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में 18-25 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई। हवा की दिशा भी दक्षिण-पश्चिम से बदलकर उत्तर-पश्चिमी हो चुकी है।

जिला/क्षेत्र वापसी की स्थिति वर्तमान मौसम पूर्वानुमान (27-30 सित.)

देहरादून/हरिद्वार 24 सितम्बर से विदाई शुष्क, तापमान 25-33°C
उत्तरकाशी/चमोली 25 सितम्बर तक आंशिक हल्की वर्षा (5-10 मिमी)
नैनीताल/अल्मोड़ा 25 सितम्बर से विदाई शुष्क, ठंडी हवाएं
पिथौरागढ़ 26 सितम्बर से विदाई बिखरी वर्षा, बादल छंटने लगे

सकारात्मक असर

भारी वर्षा से जलाशय भर गए और धान की खेती को फायदा हुआ। अब विदाई के बाद रबी की फसलों की तैयारी और पर्यटन (ऋषिकेश-हरिद्वार) को राहत मिलेगी।

आगे का पूर्वानुमान

अगले 7-10 दिन शुष्क मौसम रहेगा, तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री ऊपर।

अक्टूबर से सर्दी की शुरुआत।

IMD का अनुमान है कि 2026 में मानसून सामान्य रहेगा, लेकिन जलवायु परिवर्तन के चलते क्लाउडबर्स्ट जैसी चरम घटनाएं और बढ़ सकती हैं।

सरकारी तैयारी

आपदा प्रबंधन विभाग ने यात्रियों और किसानों को IMD का मोबाइल ऐप और ‘सचेत’ अलर्ट सिस्टम उपयोग करने की सलाह दी है। केंद्र और राज्य की संयुक्त PDNA टीम ने क्षति का आकलन कर ₹5,702 करोड़ का राहत पैकेज मांगा है।

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