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दो चरणों में होंगे बिहार विधानसभा चुनाव, 6 और 11 नवंबर को मतदान, 14 को होगी मतगणना

 

पटना, 6 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तिथियों की घोषणा कर दी है। राज्य में इस बार चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि पहले चरण में 121 विधानसभा सीटों पर और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण की अधिसूचना 10 अक्टूबर को जारी की जाएगी। नामांकन 17 अक्टूबर तक किए जा सकेंगे और जांच-वापसी की प्रक्रिया 20 अक्टूबर तक पूरी होगी। दूसरे चरण की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी, नामांकन 20 से 23 अक्टूबर तक किए जा सकेंगे।

इस बार बिहार में कुल लगभग 7.42 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार हाल ही में हुए विशेष पुनरीक्षण में 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं, जबकि 3.66 लाख नाम हटाए गए हैं। आयोग का कहना है कि यह मतदाता सूची “22 वर्षों में सबसे अधिक शुद्ध” है।

हालाँकि, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आयोग ने मतदाता सूची से लगभग 23 लाख महिला मतदाताओं के नाम हटाए हैं, जिनमें अधिकांश दलित और अल्पसंख्यक समुदायों से हैं। इस पर आयोग ने कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

राजनीतिक दृष्टि से बिहार का यह चुनाव बेहद दिलचस्प माना जा रहा है। एनडीए, महागठबंधन (INDIA) और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन रही है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने घोषणा की है कि वह सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं महागठबंधन के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद जारी हैं। कांग्रेस ने 2020 के फार्मूले पर पुनर्विचार की मांग की है।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि गठबंधन बिना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए चुनाव नहीं लड़ेगा। दूसरी ओर, आप (AAP) ने 11 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है।

मुख्य चुनावी मुद्दों में बेरोज़गारी, पलायन, शिक्षा, कानून-व्यवस्था, महंगाई और जातीय समीकरण प्रमुख हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, 2020 में जिन सीटों पर बहुत कम मतों के अंतर से परिणाम तय हुए थे, उन पर इस बार सभी दलों की विशेष नजर रहेगी।

इसी बीच राज्य सरकार ने चुनाव से पहले 7 वरिष्ठ IAS अधिकारियों के तबादले किए हैं। प्रशासनिक स्तर पर यह कदम निष्पक्ष चुनाव संचालन सुनिश्चित करने के लिए बताया गया है।

चुनाव आयोग ने इस बार EVM मतपत्रों के डिज़ाइन में भी बदलाव किया है, ताकि अक्षर बड़े और पढ़ने में आसान हों। यह नई व्यवस्था पहली बार बिहार चुनाव में लागू की जाएगी।

नेपाल में जारी राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि इसका असर सीमावर्ती 21 विधानसभा क्षेत्रों पर पड़ सकता है।

बिहार विधानसभा चुनावों में इस बार सत्ता परिवर्तन की चुनौती, जातिगत समीकरण, और युवा मतदाताओं की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है।

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