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पंतनगर में मुख्यमंत्री धामी ने किया 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन

 

कृषि को अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बनाने का आह्वान

पंतनगर, 12 अक्टूबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में आयोजित 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण किया तथा “पंतनगर प्रवाह” पुस्तक का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री धामी ने मेले में आयोजित राज्य स्थापना रजत जयंती गोष्ठी एवं संवाद कार्यक्रम में कहा कि इस वर्ष के किसान मेले में देशभर से आए 400 से अधिक स्टॉलों में से 200 से अधिक स्टॉल कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्योगों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों द्वारा लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन केवल उत्पादों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच नवाचार, ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान के महत्वपूर्ण मंच हैं।

उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर किसान अपनी खेती को अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बना सकते हैं। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश की कृषि व्यवस्था भी मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर अग्रसर है और किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास निरंतर जारी हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 11 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है, जिनमें उत्तराखंड के लगभग 9 लाख किसान शामिल हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान मानधन योजना, मिलेट मिशन, बागवानी विकास मिशन, डिजिटल कृषि मिशन जैसी योजनाओं से किसानों को लाभ हो रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में किसानों को तीन लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है तथा कृषि उपकरण खरीदने पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। नहरों से सिंचाई पूरी तरह निःशुल्क की गई है और पॉलीहाउस निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 115 करोड़ रुपये की सहायता से राज्य में 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही गेहूं पर ₹20 प्रति क्विंटल बोनस और गन्ने के मूल्य में ₹20 की वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए ₹1000 करोड़ की लागत से उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹1200 करोड़ की लागत से सेब नीति, कीवी नीति, स्टेट मिलेट मिशन और ड्रैगन फ्रूट नीति लागू की है, जिनके तहत किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे पारंपरिक कृषि पद्धतियों पर भी अनुसंधान करें और अपने शोध परिणामों को शीघ्रता से किसानों तक पहुँचाएँ, ताकि उनकी आय और उत्पादन दोनों बढ़ सकें।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर समान नागरिक संहिता (UCC) और नकल विरोधी कानून पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर सभी नागरिकों को समान अधिकार देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज में समानता और समरसता स्थापित करने का संवैधानिक उपाय है। उन्होंने कहा कि पहले वोट बैंक की राजनीति के कारण देश में यूसीसी लागू नहीं हो सका, जबकि विश्व के अधिकांश देशों में यह पहले से लागू है।

कार्यक्रम में कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय अब ₹2 लाख 61 हजार तक पहुंच गई है और प्रदेश की विकास दर 26 प्रतिशत है। मेले में 507 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें अब तक लगभग 20 हजार किसान प्रतिभाग कर चुके हैं।

कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा, त्रिलोक सिंह चीमा, सुरेश गाड़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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