पोखरी क्षेत्र में भालुओं का आतंक, वन विभाग की टीमें रात्रि गश्त पर

–पोखरी से राजेश्वरी राणा-
पोखरी क्षेत्र में लगातार भालुओं की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। जंगलों और आबादी के नजदीक भालुओं के देखे जाने के बाद वन विभाग की टीमें विभिन्न इलाकों में रात्रि गश्त बढ़ाकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं।
19 नवंबर को पांऊ गाँव की रामेश्वरी देवी जंगल में घास लेने गई थीं, जहां भालू ने उन पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल रामेश्वरी देवी का उपचार एम्स ऋषिकेश में चल रहा है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भय और बढ़ गया है।
तमुड़ी गाँव की ग्राम प्रधान सुनीता देवी ने बताया कि कल शाम नागनाथ इंटर कॉलेज से छुट्टी के बाद जब छात्र घर लौट रहे थे तो मोलफटा के पास जंगल में भालू दिखाई दिया। डर के कारण छात्र अपने बैग छोड़कर गाँव की ओर भाग गए। बाद में ग्रामीण मौके पर पहुँचे और बच्चों को सुरक्षित घर ले गए।
इसी तरह, हरिशंकर की ग्राम प्रधान रिंकी देवी ने बताया कि जूनियर हाई स्कूल हरिशंकर के छात्र स्कूल से लौटते समय रास्ते में भालू दिखने पर घबरा गए और गाँव की तरफ भागकर अपनी जान बचाई। ग्रामीणों ने बच्चों को सुरक्षित घर पहुँचाया और तुरंत वन विभाग को सूचना दी।
भालुओं के बढ़ते आतंक को देखते हुए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग (नागनाथ रेंज) के वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी और अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग (पोखरी रेंज) के वन क्षेत्राधिकारी बी.एल. शाह के नेतृत्व में संयुक्त टीमें गोगनापानी, ताली कसारी, पांव और गनियाला क्षेत्रों में लगातार रात्रि गश्त कर रही हैं।
गश्त टीम में उप वन क्षेत्राधिकारी बीरेंद्र सिंह नेगी, वन दरोगा आनंद सिंह रावत, राजे सिंह नेगी, मोहन बर्तवाल, अमित भंडारी, उमेद सिंह नेगी सहित कई वन कर्मचारी शामिल रहे।
