निसंतान दंपत्तियों की झोली भरने वाला सती माता अनुसूया मेला शुरू

जिला प्रशासन व मंदिर समिति ने किए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध
गोपेश्वर, 3 दिसंबर (महिपाल गुसाईं)। संतानदात्री शक्ति शिरोमणि माता अनसूया का दो दिवसीय पारंपरिक मेला बुधवार को विधि-विधान, पूजा–अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ प्रारंभ हो गया। जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट और बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने पूजन कर मेले का विधिवत शुभारंभ किया। दत्तात्रेय जयंती के अवसर पर क्षेत्र की विभिन्न देवी-डोलियां भी माता अनसूया के दरबार पहुँचीं।
माता अनसूया मंदिर में दत्तात्रेय जयंती पर देशभर से निसंतान दंपत्ति और भक्तजन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु पहुँचते हैं। जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने मेले के मद्देनज़र पूरे पैदल मार्ग पर सुरक्षा व व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं।

लोक मान्यता के अनुसार सती माता अनसूया के आशीर्वाद से संतान की प्राप्ति होती है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि मां के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता, इसलिए निसंतान दंपत्ति पूरी रात जागकर माता की पूजा-अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि यहां जप और यज्ञ करने वालों को संतान का सुख प्राप्त होता है।
लोकश्रुति के अनुसार इसी स्थान पर माता अनुसूया ने अपनी तपशक्ति से त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महेश—को शिशु रूप में बदल दिया था और बाद में कठोर तपस्या के उपरांत उन्हें पुनः उनका दिव्य रूप प्राप्त हुआ। इसी पावन स्थल पर तीन मुख वाले दत्तात्रेय भगवान के जन्म की कथा भी प्रचलित है और यहां उनका मंदिर भी स्थापित है।
मेले के शुभारंभ अवसर पर दर्जा राज्यमंत्री हरक सिंह, जिला पंचायत सदस्य जयप्रकाश पंवार, बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट, पूर्व डीसीबी अध्यक्ष गजेन्द्र रावत, रविन्द्र बर्तवाल, उषा रावत, दलबीर दानू, सामाजिक कार्यकर्ता सतेंद्र सिंह रावत, धीरेंद्र सिंह बिष्ट, यशवंत सिंह बर्तवाल, प्रकाश नेगी, मनीष नेगी सहित हजारों की संख्या में देवी-भक्त उपस्थित रहे।
