भारतीय रेल ने मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों से टिकट आरक्षण प्रणाली को और भी दुरूस्त किया
- जनवरी 2025 से अब तक 3.02 करोड़ संदिग्ध यूजर आईडी निष्क्रिय; प्रामाणिक टिकट बुकिंग के लिए एंटी-बॉट उपाय लागू
- ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए 322 रेलगाड़ियों और आरक्षण काउंटरों पर 211 रेलगाड़ियों में आधार-आधारित ओटीपी सत्यापन लागू
- 96 लोकप्रिय रेलगाड़ियों में से 95 प्रतिशत रेलगाड़ियों में तत्काल टिकट की उपलब्धता का समय बढ़ाया गया
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर। भारतीय रेल ने अपनी आरक्षण टिकट बुकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा उपायों से लैस इस प्रणाली को और मजबूती देते हुए रेलवे ने फर्जी बुकिंग और दुरुपयोग पर नकेल कसने के लिए व्यापक कार्रवाई की है। यह जानकारी रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
3.02 करोड़ संदिग्ध यूजर आईडी बंद
रेल मंत्रालय ने उपयोगकर्ता खातों की कड़ी जांच के बाद जनवरी 2025 से अब तक करीब 3.02 करोड़ संदिग्ध आईडी निष्क्रिय कर दी हैं, जिससे टिकट बुकिंग प्रणाली में फर्जीवाड़े पर काफी हद तक रोक लगी है।
एंटी-बॉट तकनीक और आधार-ओटीपी सत्यापन लागू
फर्जी बुकिंग रोकने और सामान्य यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए रेलवे ने अकामाई जैसी एंटी-बॉट तकनीक लागू की है।
इसके साथ ही ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार-आधारित ओटीपी सत्यापन चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया है, जो 4 दिसंबर 2025 तक 322 रेलगाड़ियों में लागू हो चुका है। इन गाड़ियों में लगभग 65% ट्रेनों में तत्काल टिकट उपलब्ध रहने का समय बढ़ा है।
काउंटर बुकिंग में भी आधार-ओटीपी लागू
आरक्षण काउंटरों पर तत्काल टिकट के लिए भी यह व्यवस्था लागू की जा रही है। 211 ट्रेनों में यह सुविधा लागू हो चुकी है।
कुल 96 लोकप्रिय ट्रेनों में से लगभग 95% में तत्काल टिकट उपलब्धता का समय बढ़ा है।
साइबर सुरक्षा के बहुस्तरीय उपाय
रेलवे ने साइबर खतरों से निपटने के लिए नेटवर्क फ़ायरवॉल, इंट्रूज़न प्रिवेंशन सिस्टम, वेब एप्लिकेशन फ़ायरवॉल और एप्लिकेशन डिलीवरी कंट्रोलर सहित कई सुरक्षा लेयर लागू की हैं। आरक्षण प्रणाली एक समर्पित, एक्सेस-नियंत्रित डेटा सेंटर से संचालित होती है, जो सीसीटीवी निगरानी, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और ISO 27001 प्रमाणन से सुरक्षित है। रेलटेल व्यापक साइबर खतरा खुफिया सेवाएं प्रदान कर रहा है, जिनमें डीप/डार्क वेब मॉनिटरिंग, डिजिटल जोखिम सुरक्षा और टेक-डाउन सेवाएं शामिल हैं।
निरंतर सुरक्षा ऑडिट और निगरानी
सीईआरटी-इन सूचीबद्ध एजेंसियां सिस्टम की नियमित सुरक्षा जांच करती हैं, जबकि CERT-In और NCIIPC टिकटिंग प्रणाली से जुड़े इंटरनेट ट्रैफिक की लगातार निगरानी करते हैं।
यात्रियों से मिले सुझावों पर भी कार्रवाई
रेलवे बोर्ड से लेकर मंडल कार्यालयों तक विभिन्न स्तरों पर यात्रियों और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों पर समय-समय पर समीक्षा कर व्यवहार्य सुझावों पर कार्रवाई की जाती है।
इन सभी कदमों के साथ भारतीय रेल की आरक्षण प्रणाली न केवल अधिक सुरक्षित हुई है, बल्कि यात्रियों को तत्काल टिकट उपलब्धता और बुकिंग अनुभव में भी स्पष्ट सुधार देखने को मिल रहा है।
