जब माउन्टवेटन की पत्नी ने राजगोपालाचारी जी को गले लगा लिया था
फिर क्या हुआ !!”-एक ऐतिहासिक बिदाई का किस्सा

-गोविंद प्रसाद बहुगुणा-
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑक्सफ़ोर्ड में आधुनिक इतिहास की एक युवा शोध छात्रा जिसका नाम Alex Von Tunzelmann है, जो जर्मन मूल की हैं,ने * चर्चिल* नामक एक फिल्म की पटकथा भी लिखी थी , उसी ने वर्ष २००७ में एक पुस्तक लिखी जिसका टाइटल है – Indian Summer: The Secret History of the End of an Empire -”
इसी किताब में वर्णित एक दिलचस्प किस्सा शेयर कर रहा हूं –
जब लार्ड मौन्टबेटन अपनी पत्नी एडविना के साथ भारत से आख़िरी बार बिदा ले रहे थे तो, नज़ारा यह था कि उस समय उनको बिदा करने के लिए हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, भारत के नवनियुक्त गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य के अलावा कई गण्यमान्य नागरिक भी उपस्थित थे I बिदाई के समय शिष्टाचार अभिवादन के तौर पर एडविना ने भावुक होकर राजा जी को गले लगा लिया था, , यह देखकर नेहरू जी ने भी भावुक होकर एडविना का गाल चूम लिया था I यह चित्र देश- विदेश के सभी अखबारों में छपा I एडविना के इस भावुक शिष्टाचार अभिवादन से
भाव बिभोर हुए राजा जी ने दूसरे दिन “मद्रास मेल” में छपी इस फोटो को लार्ड मौन्टबेटन को अपनी चिट्टी के साथ भेज दिया और अपना आभार भी व्यक्त किया I इंग्लैंड के अखबारौ में छपी यही फोटो देखकर इंग्लैंड में लोगों की मिश्रित प्रतिक्रया हुई और बहुत दिनों तक सार्वजनिक चर्चा का बिषय बनी रही I इस फोटो को देखकर जो सबसे ज्यादा चिढा था वह ब्रिटेन का भूतपूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन र्चिल ही था I
लन्दन पहुँचने पर एक दिन ब्रिटिश सांसद अन्थोनी एडिन ने एक गार्डेन पार्टी आयोजित की जिसमें लार्ड मौन्टबेटन को भी आमंत्रित किया गया था। पार्टी में उपस्थित चर्चिल को देखकर माउन्ट बेटन ने अपनी दोनों बाहें फैलाकर आगे बढ़ते हुए जैसे ही चर्चिल को गर्मजोशी के साथ भेंटना चाहा , चर्चिल ने दूर से अपनी उंगली हिलाते हुए जोर से कहा – डिक्की तुम , वहीं खड़े रहो, ख़बरदार जो आगे बढ़े I तुमने हिंदुस्तान में रहकर हमारी शान के खिलाफ जो काम किया है, तुम्हारा यह काम ऐसा ही था मानो तुमने मेरे मुंह पर घोड़े हांकने वाली चाबुक चला कर मेरा चेहरा लहूलुहान कर दिया हो…… I
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी जी के बारे में कुछ और भी दिलचस्प प्रसंग हैं इस किताब में, लेकिन उन्हें फिर कभी साझा करेंगे।
