कांग्रेस का आरोप: मनरेगा को कमजोर कर रही मोदी सरकार, काम के अधिकार पर सीधा हमला
देहरादून, 17 दिसंबर। कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को व्यवस्थित रूप से कमजोर करने और अंततः “खत्म” करने का आरोप लगाया है। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) सदस्य करन माहरा ने कहा कि सुधार के नाम पर लोकसभा में पारित नया विधेयक मनरेगा के मूल स्वरूप और उसके संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए काम के अधिकार की कानूनी गारंटी थी, जो संविधान के अनुच्छेद 21 से जुड़ी थी। नए ढांचे में इसे केंद्र-नियंत्रित, सशर्त योजना में बदल दिया गया है, जिससे काम का अधिकार अब सरकार की इच्छा पर निर्भर हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज, काम की गरिमा और विकेंद्रीकृत विकास की अवधारणा को कमजोर करने की जानबूझकर की गई कोशिश है।
प्रेस वार्ता में कहा गया कि वर्ष 2014 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनरेगा के आलोचक रहे हैं और बीते 11 वर्षों में बजट कटौती, राज्यों का बकाया रोकने, जॉब कार्ड हटाने और आधार आधारित भुगतान जैसी शर्तों के जरिए करोड़ों मजदूरों को योजना से बाहर किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि पिछले पांच वर्षों में औसतन 50–55 दिनों का ही रोजगार उपलब्ध हो पा रहा है, जबकि योजना 100 दिन की गारंटी देती है।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अब मनरेगा के वित्तीय बोझ का बड़ा हिस्सा राज्यों पर डालना चाहती है, जिससे संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचेगा। साथ ही रोजगार को मांग-आधारित रखने की बजाय सीमित आवंटन प्रणाली लागू कर केंद्र को मनमानी का अधिकार दे दिया गया है।
नेताओं ने कहा कि तकनीक और केंद्रीकृत निगरानी के नाम पर ग्राम सभाओं और पंचायतों की भूमिका कमजोर की जा रही है, जिससे स्थानीय जरूरतों की अनदेखी हो रही है। कांग्रेस ने इसे ग्रामीण मजदूरों पर नियंत्रण और मजदूरी दबाने की रणनीति बताया।
प्रेस वार्ता में नेशनल हेराल्ड मामले पर भी टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि अदालत द्वारा शिकायत खारिज किया जाना राजनीतिक बदले की राजनीति पर करारा प्रहार है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने की कोशिशें विफल हुई हैं।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वह मनरेगा, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष जारी रखेगी। प्रेस वार्ता का संचालन गरिमा मेहरा दसौनी ने किया।
