सरस्वती शिशु मंदिर ज्योतिर्मठ में ‘सप्त शक्ति संगम’ का आयोजन

नारी शक्ति को रचनात्मक भूमिका के लिए तैयार करने पर जोर
ज्योतिर्मठ, 21 दिसंबर (कपरूवाण)। सरस्वती शिशु मंदिर, ज्योतिर्मठ द्वारा सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र की मातृशक्ति ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नारी शक्ति को समाज में रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका के लिए तैयार करना रहा। इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, अध्यक्ष, वक्ता और संचालन सभी भूमिकाएँ महिलाओं द्वारा ही निभाई गईं।
सभागार में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए नगर पालिका ज्योतिर्मठ की अध्यक्ष देवेश्वरी साह ने माताओं को बच्चों की पहली शिक्षिका बताते हुए कहा कि बच्चों में संस्कारों का निर्माण परिवार से ही शुरू होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम महिलाओं में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ समाज को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन सरस्वती शिशु मंदिर की सहायक आचार्या मंजू कपरूवाण ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीएमश्री राजकीय आदर्श बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या उर्मिला बहुगुणा ने की। अपने संबोधन में उन्होंने समाज में बढ़ते मोबाइल उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों की शिक्षा, नैतिक मूल्यों और संस्कारों से जुड़े पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दीपा पंवार ने परिवार प्रबोधन विषय पर विचार रखे, जबकि शिवांगी बिष्ट ने नारी शक्ति की भूमिका और उसके सामाजिक योगदान पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम संयोजिका सरस्वती नेगी ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शम्भू प्रसाद चमोला, सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य बद्री सिंह नेगी, आचार्यगण ओम प्रकाश, अवतार सिंह, अनिल पंवार, तथा शिक्षिकाएँ बबीता चौहान, वर्षा राणा, ऊषा पंवार, अंजनी कोहली सहित मातृ भारती की संयोजिका सुष्मिता पंत और क्षेत्र की लगभग दो सौ से अधिक महिलाएं उपस्थित रहीं।
