धामी कैबिनेट की बैठक: CNG-PNG पर वैट घटा, स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े बदलाव और लोक कलाकारों की पेंशन दोगुनी
देहरादून, 24 दिसंबर : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इन फैसलों से ऊर्जा, स्वास्थ्य, संस्कृति, कृषि, आवास और उद्योग क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी। बैठक के बाद सचिवों ने मीडिया को फैसलों की जानकारी दी। उपनल कर्मचारियों के समान कार्य-समान वेतन के मुद्दे पर तत्काल फैसला नहीं हुआ, इसे मंत्रिमंडल उपसमिति को सौंप दिया गया।
प्रमुख फैसले:
- हरित ऊर्जा को बड़ा बढ़ावा: नेचुरल गैस (CNG/PNG) पर वैट की दर 20% से घटाकर 5% की गई। इससे उद्योगों की लागत कम होगी, उपभोक्ताओं को सस्ती गैस मिलेगी और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार:
- अटल आयुष्मान और आयुष्मान भारत योजना को 100% इंश्योरेंस मोड में चलाने की मंजूरी। गोल्डन कार्ड हाइब्रिड मोड में रहेगा (5 लाख तक इंश्योरेंस से, ऊपर ट्रस्ट मोड से)।
- कैशलेस इलाज सुविधा के लिए कर्मचारियों का अंशदान महंगाई दर के अनुसार 250 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये किया गया।
- चिकित्सा शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन: प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 50 से बढ़ाकर 62 वर्ष।
- सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के लिए नए विभाग गठित।
- हल्द्वानी के स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 4 नए पद सृजित।
- दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत विशेषज्ञ डॉक्टरों को 50% अतिरिक्त भत्ता (लगभग 300 डॉक्टर लाभान्वित)।
- सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के वर्क चार्ज कर्मचारियों को पेंशन लाभ।
- लोक कलाकारों और लेखकों को राहत: मासिक पेंशन 3000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये की गई।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
- कृषि: धराली आपदा प्रभावित क्षेत्र में सेब उत्पादकों के लिए रॉयल डिलिशियस सेब की खरीद दर 51 रुपये प्रति किलो और रेड डिलिशियस 45 रुपये प्रति किलो निर्धारित।
- आवास और निर्माण: इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत लो-रिस्क भवनों के नक्शे अब एम्पैनल्ड आर्किटेक्ट से पास हो सकेंगे (प्राधिकरण की जरूरत नहीं)।
- उद्योग और रोजगार:
- एमएसएमई एवं इंडस्ट्री यूनिट्स में ग्राउंड कवरेज बढ़ाया गया।
- बांस एवं रेशम विकास परिषद के ढांचे में बदलाव: तकनीकी स्टाफ को उपनल की जगह आउटसोर्सिंग से रखा जाएगा (13 पद प्रभावित)।
- सरकारी विभागों में उपनल की जगह आउटसोर्सिंग या ओपन मार्केट से भर्तियां।
ये फैसले राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने, हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और आम जनता, किसानों तथा कलाकारों को सीधा लाभ पहुंचाने वाले हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के 277 कर्मचारियों का मामला भी उपसमिति को भेजा गया।
