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सोनम वांगचुक की जल्द रिहाई के लिए प्रदर्शन

सोनम वांगचुक रिहाई मंच ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा

देहरादून, 26 दिसंबर। लगातार तीन महीने से बिना आरोप तय किये जेल में बंद पर्यावरण कार्यकर्ता और जाने-माने वैज्ञानिक सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर सोनम वांगचुक रिहाई मंच के बैनर तले डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया और ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड किये जाने और अंकिता भंडारी के वीआईपी को बचाने का प्रयास किये जाने पर भी नाराजगी जताई।

प्रदर्शनकारी संुबह डीएम कार्यालय स्थित मातृशक्ति स्थल पर जमा हुए और सोनम वांग्चुक की रिहाई के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर एक सभा का भी आयोजन किया गया। इस सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सोनम वांग्चुक ने न तो बंदूक उठाई थी, न देशद्रोह किया था। वे सिर्फ सरकार से उसका वायदा पूरा करने की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी आवाज बंद कर दी गई। तीन महीने से बिना आरोप तय किये उन्हें जेल में रखा गया है।

वक्ताओं को कहना था कि दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् सोनम वांग्चुक जेल में बंद हैं, लेकिन उन्नाव की बेटी के गुनहगार कुलदीप सेंगर की उम्रकैद की सजा सस्पेंड कर दी गई है। पीड़िता जब धरना देती है तो उसे जबरन उठा दिया जाता है। वक्ताओं ने उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी के वीआईपी का भी सवाल उठाया। कहा गया कि खुद को बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी बताने वाली उर्मिला सनावर लगातार सोशल मीडिया पर रिकॉर्डिंग जारी कर रही है। इन रिकॉर्डिंग में कथित रूप से सुरेश राठौर अंकिता की हत्या के मामले में बीजेपी के बड़े नेताओं को नाम ले रहा है। रिकॉर्डिंग में यह तक सुनाई दे रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसंह धामी ने सीबीआई जांच रोकी थी।

वक्ताओं का कहना था कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद सरकार मौन है। इस तरह की रिकॉर्डिंग और महिला के आरोपों की जांच करने के बजाय इन आरोपों की खबर चलाने वालों के खिलाफ शिकायत की जा रही है। वक्ताओं ने मांग की कि इस तरह की शिकायत करने के बजाए इन आरोपों की जांच की जानी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। यह भी कहा गया कि बीजेपी सरकारें बेटियों के गुनहगारों को बचा रही हैं और जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वालों को जेल भेजा जा रहा है।

राष्ट्रपति के नाम भेजे गये ज्ञापन में सोनम वांग्चुक के जनहित और देशहित के कामों की याद दिलाई गई है और मांग की गई है कि उन्हें जल्द से जल्द बिना शर्त रिहा किया जाए। प्रदर्शन करने वालों में परमजीत सिंह कक्कड़, डॉ. रवि चोपड़ा, नन्द नन्दन पांडेय, हरिओम पाली, कमला पंत, निर्मला बिष्ट, विमला कोली, हरिओम पाली, चंद्रकला, हेमलता नेगी, राजू सिंह, त्रिलोचन भट्ट, रजिया बेग, राघवेन्द्र, त्रिलोचन भट्ट, मल्लिका रॉय, स्वाति नेगी, मंजू बलोदी आदि मौजूद थे।

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