विजिलेंस की 2025 रिपोर्ट: 21 ट्रैप, 26 रिश्वतखोर गिरफ्तार, 2209 शिकायतें दर्ज
देहरादून, 31 दिसंबर। सतर्कता अधिष्ठान उत्तराखण्ड ने वर्ष 2025 में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में की गई कार्रवाई का विवरण जारी किया है। जारी जानकारी के अनुसार, वर्ष 2025 के दौरान विजिलेंस द्वारा 21 ट्रैप मामलों में विभिन्न विभागों के 26 अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। इनमें 6 राजपत्रित और 20 अराजपत्रित कर्मचारी शामिल थे। इन मामलों में कुल 5.94 लाख रुपये की रिश्वत राशि बरामद की गई।
इसी अवधि में टोल फ्री नंबर 1064 पर प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 14 मामलों में ट्रैप कार्रवाई की गई, जिनमें विभिन्न विभागों के 17 आरोपी रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। वर्ष भर में विजिलेंस द्वारा 5 खुली जांच, 2 अन्वेषण और 21 ट्रैप मामलों सहित कुल 28 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इसके अलावा 20 मामलों में आय से अधिक संपत्ति से जुड़े तथ्यों का संकलन कर खुली जांच और अभियोग पंजीकरण के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई।
वर्ष 2025 में टोल फ्री नंबर 1064 और विजिलेंस की वेबसाइट के माध्यम से कुल 2209 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 470 शिकायतें विजिलेंस एंगल की पाई गईं, जबकि 1739 शिकायतें नॉन-विजिलेंस एंगल की थीं। विजिलेंस एंगल की शिकायतों में 14 मामलों में ट्रैप कार्रवाई की गई, 2 मामलों में खुली जांच की संस्तुति की गई और 83 शिकायतों को आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को भेजा गया। पिछले वर्षों के भ्रष्टाचार मामलों में की गई पैरवी के परिणामस्वरूप 6 मामलों में से 3 मामलों में अदालत द्वारा सजा सुनाई गई।
ट्रैप मामलों में शिकायतकर्ताओं को राहत देते हुए सतर्कता अधिष्ठान द्वारा स्थापित रिवॉल्विंग फंड के माध्यम से अब तक 15 शिकायतकर्ताओं को उनकी दी गई रिश्वत की राशि वापस की जा चुकी है। इन शिकायतकर्ताओं को कुल 2.47 लाख रुपये लौटाए गए, जिनमें देहरादून के 10 और हल्द्वानी सेक्टर के 5 मामले शामिल हैं।
