गौचर के बंदरखंड में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने पहुंच रही है भारी भीड़
गौचर, 14 मई । पालिका क्षेत्र के बंदरखंड में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दुसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही। इस अवसर पर कथा वाचक शक्ति प्रसाद देवली ने कहा कि सद्गुणों के ग्रहण करने से आत्मा को शांति की अनुभूति होती है।
रविवार को कलश यात्रा के साथ शुरू हुए श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन दुंदकारी की कथा का वृत्तांत सुनाते हुए कथा वाचक शक्ति प्रसाद देवली ने कहा कि दुंदकारी के गलत कार्यों से माता-पिता को इतना दुःख पहुंचा कि वह घर छोड़ने को तैयार होने लगे तो गौ कर्ण महाराज ने ऐसा करने रोकते हुए कि इससे काल के वास को बढ़ावा मिलेगा। इस लिए अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। एक समय ऐसा आया कि दुंदकारी की मृत्यु हो गई उसके सभी क्रिया कर्म किए गए। बावजूद वह भूत पिसाच के रूप में परिजनों का पीछा करता रहा। इससे दुखी होकर जब दुंदकारी के पिता ने सूर्य भगवान को अपनी आपबीती सुनाई तो सूर्य भगवान ने कहा कि इसका एक मात्र उपाय है सात दिनों तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन।
बताया जाता है कि दुंदकारी भागवत कथा स्थल पर यह देखने के लिए यहां क्या हो रहा है बांस के खंभे के अंदर घुस गया जैसे जैसे श्रीमद्भागवत कथा के बीतते गए दुंदकारी बांस की एक एक गांठ फाड़कर आगे खिसकता गया। जैसे ही श्रीमद्भागवत कथा के सात दिन व्यतीत हुए उसे मोक्ष की प्राप्ति हूई और उसने देवता का रूप धारण कर लिया।
इस अवसर पर श्रीमती भागीरथी कनवासी, बीना कनवासी, सुनीता कनवासी, पूनम कनवासी, सुखदेव कनवासी, बासुदेव कनवासी, दिव्यांशु कनवासी जगदीश कनवासी आदि कई लोग मौजूद थे