आपदा/दुर्घटनाब्लॉग

केदारनाथ आपदा का वह भयवाह मंजर ; हरक सिंह रावत के स्मृति पटल से

-डा0 हरक सिंह रावत

पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड

वर्ष 2013 तारीख 16 व 17 जून जब भी आता है तो वह भयानक मंजर मुझे फिर से याद आ जाता है, जब देश की सबसे बड़ी भयानक आपदा बाबा केदारनाथ धाम पर आई थी जिसमें हजारों श्रद्धालु अपनी जान गवा बैठे थे तत्कालीन सरकार मैं एक सेवक के रूप में सबसे पहले हेलीकॉप्टर जिसके साहसिक पायलट हरियाणा के कैप्टन भूपेंद्र सिंह जी थे।

सबसे पहले हमने हेलीकॉप्टर केदारनाथ में उतारा था। उसके बाद जंगल चट्टी गौरीकुंड रामबाड़ा जहां जहां यात्रीगण फंसे हुए थे, सबसे पहले वहां वायरलेस सिस्टम को दुरुस्त करवाया। मैने और भूपेंद्र जी ने बड़ा रिस्क लेकर वहां से लोगों को पिक करना शुरू किया, भले ही श्रद्धालुओं ने जीने की पूरी तरह आस छोड़ दी थी। ऐसे भयानक माहौल में उनको विश्वास दिलाया, उनकी हौसला अफजाई करते हुए उनको उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने का वायदा किया और फिर उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी करी और लोगों को पिक करने का काम शुरू किया।

भले ही हमको कई बार खराब मौसम के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा, कई बार हेलीकॉप्टर को सड़क पर उतारना पड़ा। लेकिन हजारों लोगों का बचाने का पूरा प्रयास किया और उनको सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया।

मैंने अपने जीवन में रिश्तों को टूटते और बिखेरते हुए भी अपनी आंखों से देखा। जब भी उसको याद करता हूं तो मुझे ये झकझोर कर देती है और अपने आप को कभी-कभी भाग्यशाली भी समझ लेता हूं, क्योंकि आदि शंकराचार्य जी ने बाबा केदारनाथ के मंदिर का निर्माण किया था जो बुरी तरह अंदर से क्षतिग्रस्त हो गया था।

मंदिर में प्रवेश करने से पहले बाहर नंदी जी के पास तो कई लोगों की लाशों को भी हटाने का काम भी किया । मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर सारा मलवा साफ किया। साथ ही साथ रेस्क्यू का काम लगातार करते रहे ।

एक माह बाद जब शिवरात्रि आती है मंदाकिनी जी का जल लाकर शिवलिंग को धोया और पूजा लायक बनाया।

इस अवसर पर तत्कालीन कुछ अधिकारी जिनमें मेरे साथ मंदिर समिति के सीईओ श्री बी डी सिंह जी तत्कालीन एसडीएम गुणवंत सिंह, डीएसपी श्री स्वतंत्र कुमार, सब इंस्पेक्टर काला जी और कुछ मेरे कार्यकर्ता मौजूद थे। इस बात पर मैं गर्व महसूस कर सकता हूं कि आदि गुरु शंकराचार्य जी के बाद मंदिर को फिर से सुचारू रूप से चलाने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ।

इस कार्य के लिए बाबा ने मुझे अपना आशीर्वाद दिया उसके बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली कई प्रदेशों के लोगों ने मुझे व कैप्टन भूपेंद्र सिंह को बुलाकर हमारा अभिनंदन व धन्यवाद किया। मैं आज अपनी और सभी प्रदेशवासियों की तरफ से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए बाबा से प्रार्थना करता हूं और उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

(पूर्व मंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता हरक सिंह रावत का यह स्मरण उन्ही की फेसबुक पोस्ट से लिया गया है। हरक सिंह रावत और रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ही सबसे पहले आपदाग्रस्त केदारनाथ पहुँचने वाले नेता थे।—एडमिन)

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