हमारे बारे में

 

संपर्क-
ई-11,फ्रेंड्स एन्कलेव, शाहनगर
डिफेंस कालोनी रोड, देहरादून
उत्तराखण्ड, भारत.

mobile-7453021668

uttarakhandhimalaya55@gmail.com

सन् 1780 में जब भारत में पहली बार ऑगस्टस हिक्की ने ‘‘हिक्कीज बंगाल गजट और द ऑरिजिनल कैलकटा जनरल एडवटाइजर’’ समाचार पत्र निकाला था तो उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी कि पत्रकारिता एक दिन छापेखाने से निकल कर रेडियो-टेलिविजन के जरिये सातवें आसमान तक पहुंच कर धरती पर उतरेगी और उसके बाद सूचना महाक्रांति के जरिये कोई भी खबर सेकेण्डों में लाखों किमी की दूरी तय कर धरती के कोने-कोने तक पहुंच जायेगी। एक जमाना था लोग देश दुनिया के हाल जानने के लिये दैनिक और साप्ताहिक अखबारों पर निर्भर होते थे। फिर रेडियो-टेलिविजन निरन्तर समाचार देने लगे और अब सोशियल मीडिया के युग में हर आदमी की जेब में रखा मोबाइल सारी दुनिया की खबरें दे रहा है, जिसे आप कही भी पढ़ और सुन सकते हैं। अब तो हर आदमी सिटिजन जर्नलिस्ट हो गया। किसी को भी जो कुछ सामने दिखाई देता है, उसे मोबाइल से रिकार्ड कर तत्काल वायरल कर देता है।

अखबारों और रेडियो-टेलिविजन से अधिक कारगर सोशियल मीडिया हो गया है। इस मीडिया से लोगों को तत्काल सूचनाएं तो मिल ही रही हैं। जेब में रखे मोबाइल और अन्य खुफिया उपकरणों से बेइमान, जुल्मी, शोषक और अनाचारी लोग बेनकाब भी हो रहे हैं। लेकिन दूसरा पक्ष यह भी है कि प्रोफेशनल, निष्पक्ष और व्यावसायिक नैतिकता से बंधे पत्रकारों के हाथ से सूचना तंत्र गैर पत्रकारों और स्वार्थी तत्वों के हाथों चले जाने के कारण सोशियल मीडिया की पत्रकारिता एक अप्रशिक्षित और अनाड़ी ड्राइवर द्वारा चलाई जा रही बस की तरह हो गयी है। बड़ी संख्या में लोग पैसे कमाने और स्वार्थ सिद्धि के लिये भी पोर्टल चला रहे हैं। व्यावसायिक नैतिकता तो अब कहने भर के लिये रह गयी है। चाटुकारिता अपनी पराकाष्टा पर पहुंच गयी है। विज्ञापनों के लालच में लोगों को सच नजर नहीं आता है।

ज्यादातर पोर्टल, अखबार और चैनल सरकार तथा सत्ताधारी दल के ’’माउथ पीस’’ बने हुये हैं। सरकार जिसकी भी आये ये सभी के चरणों में नतमस्तक रहते हैं। यह प्रवृत्ति न केवल पत्रकारिता और समाज के लिये घातक है, अपितु जिनकी चाटुकारिता होती है उनके साथ भी धोखाधड़ी है। क्योंकि उनको सच्चाई से दूर रखा जाता है जिस कारण वे अपनी कमियों में सुधार करने के बजाय अपने बारे में गलतफहमियां पाले रहते हैं। हम न तो किसी की चाटुकारिता करेंगे और ना ही अनावश्यक आलोचना/निन्दा अभियान चलायेंगे। न तो किसी से डरेंगे और ना ही डरायेंगे। हम ’फ्रेंक, फेयर और फेयरलेस’ पत्रकारिता करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हमारे साथ अनुभवी और समर्पित पत्रकारों की टीम है, जिनका ध्येय पत्रकारिता को स्वार्थसिद्धि का जरिया बनाना नहीं बल्कि समाज की सेवा करना है। हमारा लक्ष्य दुनिया के कोने-कोने में बसे प्रवासी उत्तराखण्डियों के साथ ही हिमालय प्रेमियों तक पहुंचना है।

समय के साथ कदमताल करते हुये हम आपके लिये ‘‘उत्तराखण्ड हिमालया’’ uttarakhandhimalaya.in के नाम से पोर्टल प्रस्तुत कर रहे हैं। हमारा उद्ेश्य इस मंच के माध्यम से उत्तराखण्ड के ज्वलंत मुद्दों को उठाना तथा इस हिमालयी क्षेत्र के इतिहास, भूगोल, संस्कृति, पर्यावरण, राजनीति, अर्थव्यवस्था, शासन और प्रशासन आदि पहलुओं पर शोधपूर्ण सामग्री परोसना है। इसी पोर्टल में ब्लाग भी शामिल है जिसमें आपको शोधपूर्ण, निष्पक्ष और बेवाक आलेख पढ़ने को मिलेंगे। हम इसमें सामयिक विषयों पर देश विदेश के अखबारों की ज्ञानवर्धक और सामयिक आलेखों की कतरनें भी ‘क्लिपिंग‘ सेक्शन में रख रहे हैं। हम इस मंच पर शोधार्थियों के लिये शोधग्रन्थ और ऐतिहासिक दस्तावेज भी रखेंगे। सामयिक विषयों पर इंटरव्यू के लिये भी इसमें एक कोना है। इसके लिये सहयोग राशि की भी अपेक्षा है। हम इसे ’नो लॉस नो प्रोफिट’ पर चलायेंगे। विज्ञापन जरूर लेंगे, मगर विज्ञापनों के लिये अपनी आत्मा नहीं बेचेंगे। कृपया इस पोर्टल को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में सहयोग करें।

उषा रावत इस पोर्टल की एडमिन तथा स्वामी श्रीमती उषा रावत हैं। श्रीमती रावत हिन्दी साहित्य से स्नातकोत्तर होने के साथ ही प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की पीटीआइ-भाषा और दैनिक ट्रिब्यून में संवाददाता के तौर पर कार्य कर चुकी हैं। वह स्वतंत्र लेखन भी करती रही हैं। सैन्य परिवार से संबंधित हैं और अपने बच्चों को देश और समाज सेवा के संस्कार देती रही हैं।

सम्पादक मण्डल :

1-जयसिंह रावत: विभिन्न समाचार पत्रों/ पत्रिकाओं में रिपोर्ट/संवाददाता से लेकर सम्पादक के पद पर कार्य कर चुके हैं। देश की जानी मानी ऐजेंसी PTI और  UNI में भी काम कर चुके हैं। स्वतंत्र पत्रकार के रूप में सामयिक विषयों पर  निरन्तर देश के हिन्दी/अंग्रेजी पत्र/पत्रिकाओं में लिखते रहते हैं। कई टीवी चैनलों की डिबेट्स के प्रमुख पैनलिस्ट हैं। स्नातक कक्षाओं में पत्रकारिता पढ़ा चुके हैं। 6 पुस्तकें प्रकाशित एवं 2 पुस्तकें प्रकाशनाधीन । दो पुस्तकें नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित। विन्सर पब्लिशिंग कंपनी की ईयर बुक का सम्पादन। उत्तराखण्ड हिमालय के साथ अवैतनिक सहयोग। mobile- 9412324999.  email –jaysinghrawat@gmail.com

2- दिनेश शास्त्री : जन्म केदारनाथ विकासखंड के गांव अंदरवाड़ी में 18 दिसंबर 1960 को। प्रारंभिक शिक्षा गांव में। तत्पश्वात राजकीय इंटर कॉलेज अगस्त्यमुनि, विद्यापीठ और उच्च शिक्षा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर कैंपस। पत्रकारिता में स्नातकोत्तर उपाधि, राजनीति विज्ञान में एमए तथा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री उपाधि। देवभूमि साप्ताहिक से 1979 में नंदप्रयाग से पत्रकारिता का ककहरा शुरू किया। बीच में पढ़ाई, लेखन भी चलता रहा। 1985 में दिल्ली में सक्रिय पत्रकारिता से जुड़ा। शेर ए हरियाणा, स्वतंत्र विश्वमानव के बाद 1991 से राष्ट्रीय सहारा नोएडा से 2020 तक कार्य। 2020 दिसंबर में समाचार संपादक पद से सेवानिवृत्त। सम्प्रति स्वतंत्र लेखन, कतिपय वृत्तचित्रों का निर्माण, रेडियो, दूरदर्शन के लिए लेखन, वार्ताओं का प्रसारण तथा समाचार पत्र, पत्रिकाएं और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर सतत लेखन में सक्रिय। उत्तर भारत के विभिन्न स्थानों पर सेवाकाल के दौरान लोक भाषा, संस्कृति, पर्यावरण, पर्यटन तथा विविध विषयों पर लेखन किया। देहरादून में स्थाई निवास। गांव से बराबर संपर्क और उत्तराखंड के विषयों पर  अनवरत लेखन कार्य। उत्तराखण्ड हिमालय के साथ अवैतनिक सहयोग. contact – dinsemwal@gmail.com

3-त्रिलोचन भट्ट : वर्ष 1989 से पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं। गढ़वाल विश्वविद्यालय  से  पत्रकारिता  में  स्नातक करने के बाद उन्होंने देहरादून में छोटे-छोटे अखबारों से अपना कैरियर शुरू किया। बाद में वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र चले गये। दैनिक भास्कर में लंबे समय तक जुड़े रहे। उन्होंने नई दिल्ली, गुड़गांव, पानीपत, फरीदाबाद और नोएडा जैसे शहरों से दैनिक भास्कर के लिए काम किया। बाद में वे देहरादून लौट आये और कुछ समय तक राष्ट्रीय सहारा से जुड़े रहे। फिलहाल स्वतंत्र लेखन के साथ ही  उत्तराखंड में होने वाले तमाम जन आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।उत्तराखण्ड हिमालय के साथ अवैतनिक सहयोग.

संपर्क: 261 ए, टी एस्टेट, टीएचडीसी कॉलोनी, शिवपुरी बंजारावाला, देहरादून. मेल: trilochanbhatt.tr@gmail.com

 

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