भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रीय दृष्टिबाधितजन सशक्तिकरण संस्थान, देहरादून में सम्बोधन
दिनांक: 20 जून 2025
दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के लिए समर्पित इस संस्थान में आप सभी के बीच आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं इस संस्थान से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूँ, जो दृष्टिबाधित व्यक्तियों को शिक्षा, प्रशिक्षण, और रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ समाज में उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
किसी देश या समाज की प्रगति का आकलन इस बात से किया जा सकता है कि उस समाज के लोग दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है। हमारी संस्कृति और सभ्यता में मानवीय करुणा और प्रेम के तत्व हमेशा मौजूद रहे हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में दिव्यांग बच्चों को अन्य बच्चों के समान उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के अवसर प्रदान करने का प्रावधान है। सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समान भागीदारी के लिए प्रयासरत है। यह अभियान सुलभ भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना, और संचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर बल देता है। सरकार का यह प्रयास रहा है कि सरकारी भवनों, संस्थानों आदि में दिव्यांगजनों की पहुँच सुलभ बनाई जाए।
राष्ट्रपति भवन भी दिव्यांगजनों के हित में कई कदम उठा रहा है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि राष्ट्रपति भवन परिसर में एक ऐसा कैफे संचालित है, जिसे दिव्यांगजन चलाते हैं। इसी वर्ष, मार्च महीने में, राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान में ‘पर्पल फेस्ट’ का आयोजन किया गया था, जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार की अक्षमताओं और उनके लोगों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। साथ ही, यह दिव्यांगजनों को समझने, स्वीकार करने, और समाज में समावेश को बढ़ावा देने का प्रयास था।

मेरा मानना है कि समाज को चाहिए कि वह जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करे। आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग है। उन्नत तकनीक की सहायता से दिव्यांगजन भी मुख्यधारा में योगदान देने में सक्षम हो सकते हैं। मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि यह संस्थान समावेशी शिक्षा प्रणाली और नवीनतम तकनीकी संसाधनों के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दे रहा है।

शिक्षा, सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली साधन है। शिक्षा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि इस संस्थान के विद्यार्थी कंप्यूटर, गणित, विज्ञान, संगीत, नृत्य, और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हम सभी ने उनकी प्रतिभा को देखा है।
मैं सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देती हूँ। आप अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए पूरी लगन, मेहनत, और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप न केवल इस संस्थान का, बल्कि पूरे देश का गौरव बनेंगे।
धन्यवाद। जय हिंद।