एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने वायुसेना प्रमुख का पदभार संभाला
नयी दिली, 2 अक्टूबर। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मंगलवार को वायुसेना मुख्यालय (वायु भवन) में आयोजित एक समारोह में वायुसेना प्रमुख (सीएएस) का पदभार संभाला।
सीएएस को 21 दिसंबर, 1984 को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लड़ाकू दस्ते (फाइटर स्ट्रीम) में नियुक्त किया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज और नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। वह एक योग्य फ्लाइंग प्रशिक्षक और एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार के फिक्स्ड विंग और रोटरी विंग विमानों पर उड़ान भरने का 5000 घंटे से भी अधिक का व्यापक अनुभव है।
उनके परिचालन कार्यकाल में मिग-27 स्क्वाड्रन का कमांडिंग ऑफिसर और एक एयर बेस का एयर ऑफिसर कमांडिंग होना भी शामिल है। उन्होंने एक परीक्षण पायलट के रूप में रूस के मास्को में मिग 29 अपग्रेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम का नेतृत्व किया था। वे राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र में परियोजना निदेशक (उड़ान परीक्षण) भी थे जहां उन्होंने तेजस की उड़ान परीक्षण की देखरेख की थी। चार दशकों के अपने काफी लंबे करियर के दौरान वायुसेना प्रमुख ने दक्षिण पश्चिमी वायु कमान मुख्यालय में वायु रक्षा कमांडर और पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ एयर स्टाफ अधिकारी के रूप में स्टाफ नियुक्तियां की हैं। वायुसेना प्रमुख का पदभार संभालने से पहले वह वायुसेना के उप प्रमुख थे।
सीएएस को परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) और अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से नवाजा जा चुका है। भारतीय वायुसेना को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर वह सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। समस्त वायु योद्धाओं, गैर-योद्धा (नामांकित), डीएससी कार्मिकों, नागरिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए वायुसेना प्रमुख ने भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता को सर्वकालिक उच्च स्तर पर बनाए रखने के लिए उनके अनवरत सहयोग और समर्पण भाव पर पूर्ण विश्वास एवं भरोसा व्यक्त किया।
उन्होंने वायु सेना के दिग्गजों की दूरदर्शिता के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और भारतीय वायुसेना की सफलता का श्रेय उनके उत्कृष्ट प्रयासों एवं गतिशील नेतृत्व को दिया। ‘सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर’ भारतीय वायुसेना सुनिश्चित करने की दिशा में कुछ फोकस क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कमांडरों से एक सहयोगात्मक नेतृत्व अपनाने और सामंजस्य एवं एकजुटता बढ़ाने का अनुरोध किया। उन्होंने वर्तमान अनिश्चित भू-राजनीतिक हालात को ध्यान में रखने का आह्वान किया और कहा, ‘यह अत्यंत आवश्यक है कि भारतीय वायुसेना अपने परिचालन में पूरी तरह से सक्षम, सदैव सतर्क और विश्वसनीय प्रतिरोध बनी रहे।’ सीएएस ने सभी वायु योद्धाओं से महान सेवा की परंपराओं का पालन करने और इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि हम सभी मिलकर ‘पूर्ण गौरव के साथ आकाश को छूएं’।