यूके से आईं एल्युमिनाई मेघा गर्ग ने साझा किए अनुभव

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एल्युमिनाई कनेक्ट प्रोग्राम के तहत एल्युमिनाई रिलेशन्स सेल की ओर से टीएमयू की एल्युमिनाई का सार्थक संवाद

ख़ास बातें :     

  • टीएमयू की तरक्की का असली आधार एल्युमिनाईः डॉ. आदित्य शर्मा  
  • एल्युमिनाई कनेक्ट प्रोग्राम एल्युमिनाई औऱ स्टुडेंट्स के बीच ब्रिजः प्रो. मंजुला जैन
  • एल्युमिनाई टीएमयू का सबसे मजबूत स्तम्भ: प्रो. निखिल रस्तोगी                                                                                                   

मुरादाबाद, 11 जनवरी ( भटिया)।तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. आदित्य शर्मा ने कहा, यूनिवर्सिटी की तरक्की का असली आधार एल्युमिनाई ही है, एल्युमिनाई यूनिवर्सिटी की धरोहर है। एल्युमिनाई रिलेशन्स सेल- एआरसी की ओर से ऑनलाइन पुरातन छात्र कनेक्ट प्रोग्राम में डॉ. शर्मा बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। डॉ. शर्मा ने कहा, सक्सेस हासिल करने का लक्ष्य आत्मविश्वास, आत्म-नियंत्रण और अनुशासन से ही संभव है। कार्य कुशलता के बिना आप अधिक सफल नहीं हो सकते। इससे पूर्व पुरातन छात्रा का स्वागत करते हुए एल्युमिनाई रिलेशन्स सेल- एआरसी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रो. निखिल रस्तोगी ने मेधावी पूर्व छात्रा डॉ. मेघा गर्ग का परिचय कराया। प्रो. रस्तोगी ने कहा, एल्युमिनाई यूनिवर्सिटी का मजबूत स्तम्भ हैं।

एसोसिएट डीन अकेडमिक प्रो. मंजुला जैन ने कहा, एल्युमिनाई कनेक्ट प्रोग्राम डिफ़ाइन करती है कि किसी संस्थान के पूर्व छात्र के सम्बंध अपने एल्युमिनाई से कैसे है? उन्होंने पुरातन छात्र कनेक्ट प्रोग्राम को एल्युमिनाई औऱ स्टुडेंट्स के बीच ब्रिज की संज्ञा दी। उल्लेखनीय है, एल्युमिनाई कार्यक्रम में डॉ. मेघा गर्ग के पिता एवम् तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल के निदेशक श्री अजय गर्ग की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी से डॉ. मेघा 2013-2019 में डाक्टर ऑफ फार्मेसी की यूनिवर्सिटी टापर एवम् स्टेट की फर्स्ट गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। वर्तमान में डॉ. मेघा यूनाइटेड किंगडम के मेवेरेक्स लिमिटेड में सिस्टेमेटिक रिव्यू साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत हैं।

मुख्य वक्ता डॉ. मेघा गर्ग ने कैंपस टू कारपोरेट-एक सक्सेसफुल जर्नी की चर्चा करते हुए बताया, उन्होंने जुनून के साथ कार्य किया। कठिनाइयों का सामना करते हुए, अपने जोश को कम नहीं होने दिया। कुछ भी करने के लिए जुनून का होना जरुरी है। यदि आप जुनून के साथ कोई भी कार्य करते हो, तो आप सफल होंगे यह गारंटी हैं। डॉ. मेघा गर्ग ने कहा, क्लीनिकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन-सीआरओ बेहद जरूरी है, जो लोग भारत से पढ़ाई एवम् पार्ट टाइम नौकरी के लिए जाते हैं, वे लोग डाटा एकत्र करें। एक्सपीरियंस लें।

इसके बाद एचआर से संवाद करें। बंगलुरू की कंपनी आईसीकेएन से भी फॉरेन कंट्री के लिए प्रोजेक्ट ले सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी एक्सपीरियंस जरुरी हैं। इंग्लैंड में समय का बहुत महत्व हैं। उन्होंने बताया, डिजिटल रिज्यूम लिंकेडीन प्रोफाइल क्यूआर कोड के साथ बनाना चाहिए। अंत में फार्मेसी के प्रिंसिपल प्रो. अनुराग वर्मा ने सभी शिक्षकों और विद्वानजनों और पूर्व छात्र का आभार प्रकट करते हुए कहा, ऐसे कार्यक्रमों से छात्र अपने लक्ष्य सहजता से अचीव कर लेते हैं। भविष्य में टीएमयू में इस तरह के कार्यक्रम होते रहेंगे।

 

डायरेक्ट पीएचडी को लेकर पूछे सवाल

स्टुडेंट्स के प्रश्न फार्मा डी. के बाद डायरेक्ट पीएचडी में एडमिशन लेने के जवाब में एल्युमिनाई डॉ. मेघा गर्ग बोलीं, केेवल डवलप कंट्री डायरेक्ट पीएचडी को पार्ट टाइम कराते हैं, जिसमें यूके में फार्मा डी को मास्टर्स के बराबर माना जाता है। यूएसए, कनाडा में प्री पीएचडी के लिए मास्टर्स के बराबर योग्यता मांगते हैं। उन्होंने बताया, डवलप कंट्री एक सर्टिफिकेट मांगती हैं, आप वहां पर पीएचडी बिना पेपर्स के नहीं कर सकते हैं। पीएचडी के लिए बैकग्राउंड भी सेम होना चाहिए, जिसमें आप पीएचडी करना चाहते हैं। डॉ. गर्ग ने बताया, पीएचडी के लिए प्रपोजल देना होगा। बताना होगा कि मैं पीएचडी करना चाहता/चाहती हूँ। जब आप पेपर्स पढ़ते हो, तब ऑथर भी पढ़ो। आप किसी सुपरवाइजर के टच में रहकर पीएचडी के लिए मेल कर सकते हैं, इसके लिए पब्लिकेशन जरुरी है और यह बताना भी जरुरी कि मैं इस फील्ड में पीएचडी करना चाहता हूँ। यूके से पीएचडी कैसे कर सकते हैं? कैसे फाइण्ड कर सकते हैं? यूके से पीएचडी करने के लिए पब्लिकेशन का सेम टॉपिक पर होना अति आवश्यक है। प्रोजेक्ट की लिस्ट को भी डेली बेसिस पर अपडेट करते रहना चाहिए। पीएचडी ज्यादातर स्कॉलर्स पर होती हैं। 

 

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