विदेशसुरक्षा

अमेरिका हुआ आक्रामक, रक्षा मंत्रालय की जगह बनेगा ‘युद्ध मंत्रालय’

 

योद्धा संस्कृति पर जोर, रक्षा सचिव बोले – ‘डिफेंस’ शब्द बहुत रक्षात्मक है

 

वॉशिंगटन : एक ऐसा राष्ट्रपति जो पद पर आने के बाद शांति और कोई नया युद्ध न करने का वादा कर रहा था, वह अब अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (Department of Defense) का नाम बदलकर इसे युद्ध मंत्रालय (Department of War) करने जा रहा है। यह घोषणा शुक्रवार को की जाएगी।

अपने अजीबोगरीब फैसलों में से एक और फैसले में, MAGA (Make America Great Again) नेता डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” नाम का स्वर कहीं ज्यादा “मजबूत” है और यह बदलाव आक्रामक क्षमता को दर्शाएगा, जो “डिफेंस” शब्द में छिप जाता है। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा –
“जैसा कि आप जानते हैं, हमने द्वितीय विश्व युद्ध जीता था। हमने सबकुछ जीता। हम डिफेंसिव रहना चाहते थे, लेकिन हमें आक्रामक भी होना होगा अगर ज़रूरत पड़ी।”

घोषणा उस समय आई है जब चीन ने बीजिंग में एक शानदार सैन्य परेड कर अपनी शक्ति दिखाई थी, जिसने वॉशिंगटन को झकझोर दिया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अब भी चीन से आगे है।

रक्षा सचिव पीट हेज़थ (जिन्हें अब “युद्ध सचिव” कहा जाएगा) ने बताया कि यह बदलाव आवश्यक है क्योंकि “डिफेंस” शब्द बहुत रक्षात्मक है। उन्होंने कहा कि यह कदम “योद्धा संस्कृति” को पुनर्जीवित करेगा और सेना का ध्यान युद्धकला, मारक क्षमता, योग्यता, मानक और तत्परता पर केंद्रित करेगा, न कि सामाजिक मुद्दों और “वोक कल्चर” पर।

हालांकि आलोचकों का कहना है कि यह बदलाव केवल दिखावा है और इससे करोड़ों डॉलर खर्च होंगे क्योंकि हर जगह – बोर्ड से लेकर आधिकारिक दस्तावेजों तक – नाम बदलना पड़ेगा।

कई लोग ट्रंप का मजाक भी उड़ा रहे हैं क्योंकि उनका सैन्य रिकॉर्ड कमजोर रहा है। सीनेटर मार्क केली, जो एक सेवानिवृत्त नौसैनिक और अंतरिक्ष यात्री हैं, ने कहा –
“सिर्फ वही व्यक्ति जो भर्ती से बच गया हो, वह डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस का नाम बदलकर ‘डिपार्टमेंट ऑफ वॉर’ रखना चाहेगा।”

इतिहास में झांके तो – मूल रूप से इस मंत्रालय का नाम ही “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” था, लेकिन 1949 में इसे “डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस” कर दिया गया था।

हास्य कलाकार जॉर्ज कार्लिन की व्यंग्यात्मक टिप्पणी भी इसमें गूंजती है, जिन्होंने 1990 में कहा था –
“हमें युद्ध पसंद है! हम युद्धप्रिय लोग हैं! हमें युद्ध इसलिए पसंद है क्योंकि हम इसमें माहिर हैं…हम बहुत प्रैक्टिस करते हैं। अमेरिका सिर्फ 200 साल पुराना देश है और हमने पहले ही 10 बड़े युद्ध लड़ लिए हैं। हर 20 साल में हम औसतन एक बड़ा युद्ध करते हैं। हम युद्ध में अच्छे हैं क्योंकि हम बाकी चीज़ों में बहुत बुरे हैं।”

कार्लिन ने व्यंग्य में कहा था –
“हम एक सही कार नहीं बना सकते, टीवी या वीसीआर सही नहीं बना सकते, हमारी इंडस्ट्री खत्म हो रही है, युवाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा नहीं दे सकते, लेकिन दूसरे देशों पर बम ज़रूर बरसा सकते हैं!”

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