क्षेत्रीय समाचार

मानसूनी आपदाओं की आशंकाओं के बीच सरकार ने हटा दिये इंजीनियर

-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-

थराली, 12 जुलाई । भरी बरसात में सड़कों और निर्माणो  में हो रही टूटफूट के बावजूद लोक निर्माण विभाग के थराली डिवीजन से बड़े पैमाने पर अभियंताओं  और स्टाफ के तबादलों से पिंडर  घाटी के लोगों पर यह मानसून सीजन भारी पड़ने की आशंका बलवती हो गयी है।

बड़े पैमाने पर तबादलों के बाद पिंडर घाटी के करीब 470 किलोमीटर लंबे राजमार्गों, जिला व ग्रामीण सड़कों, 90 मोटर और पैदल झूला तथा गाडर पुल, पुलियाओं, 5 इलैक्ट्रिक ट्रालियों एवं पांच दर्जन से अधिक सड़कों के नव निर्माण का प्रस्ताव गठन करने की जिम्मेदारी अब मात्र 8 अभियंताओं एवं कर्मचारियों के कंधों पर आ कर टिक गई हैं। कैसे इन सब कार्यों का संपादन होगा एक बड़ा प्रश्न बन कर उभरने लगा है।

दरअसल पिंडर घाटी के नारायणबगड़, थराली एवं देवाल विकास खंडों के बड़े हिस्से में सुचारू रूप से यातायात व्यवस्था को कायम रखने का जिम्मा निर्माण खंड लोनिवि थराली के कंधों पर है। किंतु इस खंड में अभियंताओं व कर्मचारियों की भारी कमी के कारण स्थिति बिगड़ने का अंदेशा बनने लगा हैं। जिससे अधिकांश कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है।

इस डीविजन के लिए सरकार के द्वारा अभियंताओं सहित आफिस स्टाफ के कुल 31 पदों की स्वीकृति दी गई हैं। इसके विरुद्ध आज के दिन में इस डीविजन में मात्र 8 ही पदों पर अभियंता व आफिस स्टाफ मौजूद रह गए हैं।विभागीय सूत्रों के अनुसार यहां पर अधिशासी अभियंता के अलावा सहायक अभियंताओं के स्वीकृत 4 पदों के विरुद्ध मात्र एक सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता सिविल के 13 पदों के विरुद्ध मात्र दो पदों पर ही तैनाती हैं । इसके अलावा इस खंड के आफिस स्टाफ के तहत खंडीय लेखाकार व प्रशासनिक अधिकारी का पद लंबे समय से रिक्त पड़ा हुआ है, इसके अलावा वरिष्ठ सहायक के 4 पदों के विरुद्ध एक,अमीन के दो पदों के विरुद्ध एक एवं कनिष्ठ सहायक के 5 पदों के विरुद्ध 3 ही बाबू तैनात हैं। वर्तमान में जबकि पिंडर घाटी के कई गांव आज भी यातायात से वंचित पड़ें हुए हैं इन गांवों को सड़कों से जोड़ने निर्मित सड़कों, पुल, पुलियाओं का रखरखाव कैसे होगा कोई भी इस का जवाब नही दे पा रहा हैं।इसके अलावा कई नई प्रस्तावित नई मोटर सड़कों का कार्य भी प्रभावित होगा। वर्तमान में जबकि बरसात का सीजन चल रहा हैं, और आपदा की दृष्टि से पिंडर घाटी को अति संवेदनशील क्षेत्रों के रूप से जाना जाता है, ऐसे में मैन पावर की भारी कमी से जूझ रहे लोनिवि थराली आपदाओं से कैसे निपटेगा बड़ा प्रश्न बन कर लोगों के बीच तैरने लगा हैं।

हालांकि इस डीविजन में तैनात अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता का कहना हैं कि डीविजन में रिक्तियों के संबंध में विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया हैं। इसके अलावा जितना भी स्टाफ यहां तैनात हैं,आपस में तालमेल बना कर डीविजन के कार्यों का संचालन करने का हरसंभव प्रयास करेगा ।
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इसी ट्रांसफर सीजन में थराली डीविजन से तीन सहायक अभियंताओं, एक जेई एवं चार बाबूओं का अन्यत्र स्थानांतरण पर दिया गया हैं। मजेदार बात है कि 24 फरवरी को प्रांतीय खंड भटवाड़ी उत्तरकाशी से एक ऐई का थराली के लिए स्थानांतरण  किया गया और 24 जून को पुनः उनका स्थानांतरण निर्माण खंड उत्तरकाशी के लिए कर दिया गया है। जबकि यहां पर तैनात 6 संविदा कनिष्ठ अभियंताओं को कार्य विस्तार नहीं  दिया गया हैं

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निर्माण खंड लोनिवि थराली में अभियंताओं एवं आफिस स्टाफ की भारी कमी के संबंध में पूछे जाने पर थराली विधानसभा के विधायक भूपाल राम टम्टा ने कहा कि पिछले लंबे समय से वे चमोली प्रवास पर थे। कल ही वे राजधानी देहरादून पहुंच चुके हैं। लोनिवि थराली में स्टाफ की भारी कमी के संबंध में उन्हें जानकारी मिल चुकी है। इस संबंध में वे मुख्यमंत्री से समय लेकर उनके सम्मुख लोनिवि थराली में अभियंताओं व स्टाफ की कमी का मामला उठा कर नियुक्ति की मांग करेंगे।

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