नैनीताल सांसद अजय भट्ट पर राज्य आंदोलनकारियों के अपमान का आरोप, बंगालियों को आरक्षण की मांग का विरोध
रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट।
थराली, 4 अगस्त। नैनीताल के सांसद अजय भट्ट के द्वारा उत्तराखंड के रोहिंग्या बंगालियों को सरकारी नौकरी सहित अन्य स्तर पर आरक्षण दिए जाने की संसद में मांग उठाएं जाने पर चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति रजिस्टर ने कड़ा ऐतराज जताते हुए राज्य प्राप्ति के लिए शहीद हुए आंदोलनकारियों का अपमान बताया हैं। कहा है कि यह राज्य गठन के उद्देश्य पर खुला कुठाराघात हैं।
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का जन्म तमाम तरह की कुर्बानियों के बाद हुआ हैं। राज्य आंदोलन के दौरान कई आंदोलनकारियों ने अपनी शहादत दी,कई आंदोलनकारी घायल हुए, मां, बहिनों की इज्जत को तार-तार किया गया, सैकड़ों लोग को जेल जाना पड़ा, महिनों तक यहां के मूल निवासी सड़कों पर रहे। इतनी बड़ी कुर्बानियों के बाद राज्य मिली हैं। कहा कि आज तक चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षितिज आरक्षण नही दिया जा सका है।
किंतु राज्य बनने के बाद अपनी राजनीतिक के चलते नेताओं के द्वारा बगलादेशी रोहिंग्या को यहां बसा कर बकायदा उनके राशन कॉर्ड, वोटर कार्ड बनवायें गयें हैं, यही नही उनका स्थाई निवासी प्रमाण पत्र तक निर्गत किए जा रहे हैं।और अब उसको आरक्षण दिए जाने की मांग उठाया जा रहा है जोकि बेहद दुर्भाग्य पूर्ण हैं ।यह मांग उत्तराखंड के लाखों मूल निवासीयों की भावनाओं पर कुठाराघात है।
अध्यक्ष ने रोहिंग्यों के लिए आरक्षण की मांग करने के लिए सांसद भट्ट की आलोचना करते हुए उनसे आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत क्षितिज आरक्षण का बिल जोकि राजभवन में पिछले तीन महीनों से अधिक समय से लंबित विधेयक को पास करवाने की मांग की।
अध्यक्ष रावत ने एक अगस्त से राजधानी देहरादून में आंदोलनकारी संयुक्त समिति के द्वारा चिन्हित आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षितिज आरक्षण का विधियक को पारित करवाएं जाने, चिन्हिकरण से वंचित आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण किए जाने, आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन दिए जाने, मूल निवास,संख्त भू-कानून लागू किए जाने के लिए की मांग को लेकर चलाएं जा रहें आंदोलन को समिति के समर्थन की घोषणा भी की हैं।