शिक्षा/साहित्य

चिंता, तनाव और अवसाद बड़ी समस्याएं: रितु नारंग

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की ओर से हर घर ध्यान पर वर्कशॉप

मुरादाबाद,  27   फरबरी ( प्रो0 भाटिया) ।  आर्ट ऑफ लिविंग की मेडिटेशन ट्रेनर एंड डिस्ट्रिक्ट आइकॉन श्रीमती रितु नारंग ने कहा, हमारे ऋषि मुनियों ने गंगा की मानिंद ध्यान को हमें सौंपा है। जन्म के समय प्रत्येक शिशु ध्यानावस्था में होता है, इसीलिए बालक को योग की संज्ञा दी गई है। आज की सबसे बड़ी समस्या चिंता, तनाव और अवसाद है, जिससे युवाओं पर मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसे केवल ध्यान और योग के जरिए ही ठीक किया जा सकता है। एक अंग्रेजी अखबार की ख़बर का हवाला देते हुए बोलीं, आज का युवा बिना किसी कारण के आत्महत्या कर रहा है। इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए ध्यान अति आवश्यक है। उन्होंने योग-ध्यान के गुणों और लाभों को भी विस्तार से बताया। श्रीमती नारंग तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की ओर से हर घर ध्यान पर आयोजित वर्कशॉप के तहत गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं।

इससे पूर्व मेडिटेशन ट्रेनर श्रीमती रितु नारंग और फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की प्राचार्या प्रो. रश्मि मेहरोत्रा ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस मौके पर श्रीमती नारंग को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की प्राचार्या प्रो. रश्मि मेहरोत्रा ने कहा, विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को अनायास ही तनाव का सामना करना पड़ता है। इससे उनके व्यक्तित्व का सही और समुचित विकास नहीं हो पाता है। इसके निदान के लिए योग-ध्यान अति आवश्यक हैं। प्रोग्राम में समन्वयक श्रीमती मोहिता वर्मा, डॉ. नाहिद बी., श्री गौतम कुमार, डॉ. सुमित गंगवार, डॉ. पावस कुमार मंडल, डॉ. देवेन्द्र कुमार यादव, श्री बन्टी सैनी के संग-संग बीएड और एमएड के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। संचालन श्रीमती इशिका ढाका ने किया।

 

 

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