जॉब सीकर्स नहीं जॉब क्रिएटर्स बनिए
–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज के इंस्टीट्यूशन्स इनोवेशन काउंसिल-आईआईसी के संयोजक डॉ. देवेन्द्र पाल सिंह बोले, शिक्षा के बदलते प्रारूप के अनुसार आज के समय में इनोवेशन, उद्यमिता और स्टार्ट-अप का महत्व बढ़ गया है। वर्तमान समय में हमें जरूरत है कि हम शुरूआत से ही बच्चों को उनकी जिज्ञासा को बढ़ाने और उसका समाधान खोजने में उनका मार्गदर्शन करें, जिससे आगे चलकर हमारे बच्चे जॉब सीकर्स नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर्स बनें। डॉ. पाल ने ग्रामवासियों और स्टुडेंट्स से कहा, वे लोग अपने नए विचारों के साथ कॉलेज के आईआईसी में आएं, जिससे उनके विचारों को मूर्त रूप प्रदान करने में आईआईसी उनकी सहायता कर सके। डॉ. पाल तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज की ओर से शिक्षा जागरूकता अभियान के मौके पर बोल रहे थे। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर टीएमयू कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज के इंस्टीट्यूशन्स इनोवेशन काउंसिल-आईआईसी के तत्वावधान में जनपद अमरोहा के गांव औरंगाबाद में यह कार्यक्रम हुआ। उल्लेखनीय है कि टीएमयू कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज प्रदेश का एकमात्र कृषि संस्थान है जहां आईआईसी गठित हुई है, इसका उद्देश्य छात्रों को नवाचार और उद्यम की और आकर्षित करना है।
इससे पूर्व कार्यक्रम के शुभारम्भ में टीएमयू एग्रीकल्चर कॉलेज के कृषि प्रसार विभाग की फैकल्टी डॉ. अरविन्द प्रताप सिंह ने ग्रामीणों को शिक्षा का महत्व बताया। टीएमयू एग्रीकल्चर कॉलेज के कृषि प्रसार विभाग की फैकल्टी डॉ. आकांक्षा सिंह ने शिक्षा के व्यावहारिक महत्व को बताते हुए कहा, शिक्षा का असल उपयोग तभी हो सकता है, जब उसे व्यवहार और आचार में समाहित किया जाए। उन्होंने कक्षा की शिक्षा को अपने दैनिक जीवन से जोड़ने पर जोर दिया। अंत में प्राथमिक विद्यालय औरंगाबाद के प्रधानाचार्य श्री अरविन्द कुमार सिंह ने टीएमयू के कृषि कॉलेज से आए फैकल्टी और स्टुडेंट्स का अभिवादन किया। इस मौके पर टीएमयू एग्रीकल्चर कॉलेज की फैकल्टी- डॉ. आशुतोष अवस्थी, डॉ. हरवीर सिंह चीमा, डॉ. उपासना, डॉ. जीपी सिंह, डॉ. कुलदीप मिश्रा, डॉ. तेषु सिंह, डॉ. अर्पित हुडिया के अलावा कॉलेज के स्टुडेंट्स, ग्रामवासी, प्राथमिक विद्यालय के स्टुडेंट्स आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही।