बंदरखंड, गौचर में श्रीमद्भागवत कथा का जल यात्रा व पूर्णाहुति के साथ हुआ समापन
गौचर, 20 मई (गुसाईं) पालिका क्षेत्र के बंदरखंड में पिछले सात दिनों से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का जल यात्रा व पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया है।
बारह मई को कलश यात्रा के साथ शुरू हुए श्रीमद्भागवत कथा में इन सात दिनों तक जहां कथा वाचक शक्ति प्रसाद देवली ने भगवान शिव व श्रीकृष्ण का जीवन वृत्तांत सुनाकर लोगों को सत् क्रम करने की प्रेरणा दी वहीं कर्मकांडी पंडितों द्वारा पूजा इत्यादि क्रियाएं संपादित की गई।
इस अवसर पर कथा वाचक शक्ति प्रसाद देवली ने कहा कि आत्मा की शांति के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाना शास्त्र संबद्ध है। इन कथाओं के श्रवण मात्र से ही जन्मों का उद्धार हो जाता है। इन सात दिनों तक क्षेत्र की महिलाओं,पुरुषों ने कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
श्रीमती बीना कनवासी ने अपने स्वर्गीय पति मनबर सिंह कनवासी, श्रीमती भागीरथी देवी ने अपने स्वर्गीय पति महिपाल सिंह कनवासी की आत्मा की शांति के लिए आयोजित किए गए श्रीमद्भागवत कथा में गांव के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शनिवार को महिलाओं ने गांव से अलकनंदा नदी तट तक जल यात्रा का आयोजन किया।रविवार को कर्मकांडी पंडितों द्वारा की गई पूर्णाहुति के साथ ही श्रीमद्भागवत कथा का समापन हो गया है।
इस अवसर पर भागीरथी कनवासी, बीना कनवासी, सुनीता कनवासी, पूनम कनवासी, सुखदेव कनवासी, बासुदेव कनवासी, दिव्यांशु कनवासी के अलावा दिलबर कनवासी, जगदीश कनवासी आदि बड़ी संख्या में ग्रामवासियों ने पूर्णाहुति में प्रतिभाग किया।