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बिलियन डॉलर का सवाल : FII कब लौटेंगे?

 

This has now become a billion-dollar question. The Indian stock market has declined by more than 15% in the past five months. The reason for this decline is that foreign investors, i.e., Foreign Institutional Investors (FII), are selling more shares and buying fewer. So far this year, they have sold shares worth ₹1.5 lakh crore. Mutual funds, such as Domestic Institutional Investors (DII), are trying to compensate by buying, but they are still unable to lift the market.

 

-By- Milind Khandekar

यह अब बिलियन डॉलर का सवाल बन गया है . भारतीय शेयर बाज़ार में पिछले पाँच महीनों में 15% से ज़्यादा गिरावट आयी है. इस गिरावट का कारण है विदेशी निवेशक यानी Foreign Institutional Investors ( FII) शेयर बेच ज़्यादा रहे हैं और ख़रीद कम रहे हैं. इस साल अब तक डेढ़ लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं. म्यूचुअल फंड से जैसे Domestic Institutional Investor (DII) ख़रीद कर भरपाई कर रहे हैं. फिर भी बाज़ार को उठा नहीं पा रहे हैं.

भारतीय शेयर बाज़ार की क़िस्मत FII से जुड़ी रही है. विदेशी निवेशक पैसे लगाते हैं तो बाज़ार ऊपर जाता है और निकालते हैं तो नीचे. भारतीय शेयर बाज़ार में अब भी सबसे बड़े मालिक है. उनके पास 17% शेयर है. लगभग इतने ही शेयर DII के पास है.आने वाले समय में DII आगे भी निकल सकते हैं. पिछले 6 महीनों में FII ने 3.23 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं जबकि DII ने 3.37 लाख करोड़ रुपये की ख़रीदारी की है. इसका कारण है Systematic Investment Plan ( SIP) से आने वाला पैसा. यह पैसा जब तक आता रहेगा तब तक विदेशी निवेशकों का माल म्यूचुअल फंड ख़रीद सकते हैं. यह सिलसिला धीमा पड़ा तो बाज़ार में और दिक़्क़त हो सकती है.

तो अब लौटते हैं बिलियन डॉलर सवाल पर, FII को वापस बुलाने के लिए माँग उठ रही है कि कैपिटल गेन्स टैक्स ख़त्म किया जाए. विदेशी निवेशक किसी देश में यह टैक्स नहीं देते हैं इसलिए भारत भी ना लगाएँ.Helios Capital के फाउंडर समीर अरोड़ा का वीडियो वायरल है जिसमें वो बता रहे हैं कि सरकार को इससे 2023 में  82 हज़ार करोड़ रुपये मिले हैं जबकि शेयर बाज़ार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण 1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुक़सान हो चुका है. सरकार इसे हटा देती है तो विदेशी निवेशकों को राहत मिलेगी. एक अनुमान के मुताबिक़ FII भारत में ₹100 लगाते हैं और ₹10 कमाते हैं तो लाँग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में ₹1.25 कट जाएँगे और शॉर्ट टर्म टैक्स लगने पर ₹2 कटेंगे. सरकार यह माँग तुरंत मान लेगी ऐसा नहीं लगता है. सरकार इनकम टैक्स में कटौती कर चुकी है जिससे क़रीब ₹1 लाख करोड़ का नुक़सान होने का अनुमान है.

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