टीएमयू में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस क्विज में बी टीम अव्वल

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ख़ास बातें

  • टीम डी ने दूसरा तो टीम सी ने प्राप्त किया तीसरा स्थान
  • बुडिंग अप विद वन अनदर बीकॉज नो वन शुड फाइट कैंसर अलोन थी रैली की थीम
  • कैंसर की नहीं कोई आयु सीमा, हो सकता है कभी भीः प्रो. श्रीनाथ
  • जागरूकता ही स्तन कैंसर का सबसे कारगर इलाजः प्रो. जसलीन

  प्रो. श्याम सुंदर भाटिया

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर दिवस पर रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया गया, जिसमें स्टुडेंट्स हाथों में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति अवेयरनेस के पोस्टर लिए हुए थे। इस मौके पर क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। क्विज प्रतियोगिता में पारूल, अल्ताफ, सिमरन और माहिरा की टीम बी ने प्रथम, नेहा, इमरान, संगीता और शालू की टीम डी ने दूसरा एवम् आयुषी, विकास सक्सेना, और सोनिया की टीम सी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जागरूकता रैली की थीम- बुडिंग अप विद वन अनदर बीकॉज नो वन शुड फाइट कैंसर अलोन थी। रैली के दौरान छात्रों ने महामारी नहीं है बीमारी, स्तन कैंसर दुनिया पर भारी…….. और समाज को सुदंर स्वस्थ बनाना है, स्तन कैंसर को दूर भगाना है….. जैसे स्लोगनों से लोगों को जागरूक किया। यह रैली नर्सिंग कॉलेज से शुरू होकर पवेलियन, इंडोर, मेडिकल कॉलेज, प्रशासनिक भवन, अस्पताल होते हुए वापस नर्सिंग कॉलेज पर आकर समाप्त हुई। उल्लेखनीय है, क्विज प्रतियोगिता में 04 टीमें टीम ए, टीम बी, टीम सी, और टीम डी शामिल थीं। प्रतियोगिता में 03 राउंड थे। पहले पासिंग राउंड में 12 प्रश्न, दूसरे रैपिड फायर राउंड में 15 सेकेंड में तीन प्रश्न और अंतिम पहचान राउंड में 30 सेकेंड में 12 प्रश्न पूछे गए। प्रतियोगिता की निर्णायक ओबीजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर श्रीमती सुधा स्वामी रहीं। संचालन श्रीमती वीजी मोल ने किया।

इससे पूर्व टीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य प्रो. श्रीनाथ कुलकर्णी ने छात्रों से कहा, कैंसर से लड़ना बहुत कठिन कार्य है। उन्होंने कैंसर के आनुवांशिक कारकों को बताते हुए कहा, कैंसर की कोई आयु सीमा नहीं है, यह किसी भी उम्र में हो सकता है। अतः स्तन कैंसर में स्क्रीनिंग बहुत महत्वपूर्ण है, इसीलिए हमें नर्सों को लोगों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया और स्तन कैंसर के शुरूआती पहचान के बारे में प्रशिक्षित करना अति आवश्यक है। नर्सिंग कॉलेज की उप प्राचार्या प्रो. एम जसलीन ने रैली की थीम के अर्थ को समझाते हुए स्टुडेंट्स से परिवार के सदस्यों और आसपास के लोगों को स्तन कैंसर के बारे में जागरूक करने की सलाह दी। प्रो. जसलीन ने कहा, जागरूकता ही स्तन कैंसर का सबसे कारगर इलाज है। प्रसूति एवम् स्त्री नर्सिंग विभाग- ओबीजी की एचओडी डॉ. सारिका सक्सेना ने स्तर कैंसर के कारणों और उससे बचाव के बारे में छात्र-छात्राओं को विस्तार से बताया। अंत में एसोसिएट प्रोफेसर श्रीमती सरोजलता ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कॉलेज ऑफ नर्सिंग की फैकल्टी और छात्र-छात्राओं की गरिमामयी मौजूदगी रही।

 

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