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खूबसूरती में इजाफे को कराइए बोटॉक्स थैरेपी

तीर्थंकर महावीर डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में ऑर्थोडोंटिक्स और डेंटोफेशियल ओर्थोपेडिक्स विभाग की ओर से लेटेस्ट ट्रेंड्स इन फेशियल एस्थेटिक्स एंड बोटॉक्स थैरेपी पर हुई सीडीई

ख़ास बातें

  • बिना सर्जरी की बोटॉक्स थैरेपी पूर्णतः सुरक्षित और प्रभावीः डॉ. एथ्रेया
  • कॉन्फिडेंस, प्रिजेंटेबिल्टी और एस्थेटिक्स का गहरा नाताः प्रो. मंजुला
  • सीडीई प्रोग्राम में डेंटल के 150 से अधिक स्टुडेंट्स ने किया प्रतिभाग
  • सीडीई के अंत में सभी प्रतिभागियों को वितरित किए गए सर्टिफिकेट्स

–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया

ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. एथ्रेया राजगोपाल ने दंत चिकित्सा के क्षेत्र में चेहरे के सौंदर्यशास्त्र की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, डेंटल चिकित्सा में ब्यूटी ट्रीटमेंट बोटॉक्स थैरेपी से होता हैं। बोटॉक्स बिना किसी सर्जरी और दर्द के पूर्णतः सुरक्षित और प्रभावी है। इसका रिजल्ट जल्द ही देखने को मिलता है। यह चेहरे की झुर्रियों को कम करके फेस को फेयर बनाता है। बोटॉक्स थैरेपी का प्रयोग मेडिकल के अलावा कॉस्मेटिक के क्षेत्र में भी किया जाता है। डा. राजगोपाल ने कहा, आजकल मॉडल्स, एक्टर्स, थियेटर के लोग यानी फ्रंट लाइन वर्कर्स इस थैरेपी का प्रयोग कर रहे हैं। डॉ. एथ्रेया तीर्थंकर महावीर डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में ऑर्थोडोंटिक्स और डेंटोफेशियल ओर्थोपेडिक्स विभाग की ओर से लेटेस्ट ट्रेंड्स इन फेशियल एस्थेटिक्स एंड बोटॉक्स थैरेपी पर आयोजित सीडीई में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने बोटॉक्स थैरेपी का डेमो भी स्टुडेंट्स को दिया।

इससे पूर्व डॉ. एथ्रेया राजगोपाल ने बतौर मुख्य वक्ता और एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके सीडीई का शुभारम्भ किया। इस मौके पर डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल एवम् ऑर्थोडोंटिक्स विभाग के एचओडी प्रो. मनीष गोयल और पैरामेडिकल के वाइस प्रिंसिपल डॉ. नवनीत कुमार की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला ने कहा, कॉन्फिडेंस, प्रिजेंटेबिल्टी और एस्थेटिक्स का एक दूसरे से गहरा नाता है। एस्थेटिक्स से कॉन्फिडेंस और प्रिजेंटेबिल्टी आती है। डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गोयल बोले, सर्जरी बीते जमाने की बात है। वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति बिना ऑपरेशन के तुरंत आराम चाहता है और बोटॉक्स थैरेपी इसका सही विकल्प है। सीडीई में डेंटल कॉलेज की फैकल्टीज़- प्रो. मुकेश कुमार, डॉ. सक्षम मधोक, डॉ. सुमित कुमार, डॉ. शिखा संगल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बीडीएस के हर्षित सेठी और युगी जैन की बतौर वॉलिंटियर भूमिका रही। इसके अलावा डेंटल के 150 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। डॉ. कल्पित शाह ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए गए। संचालन डॉ. तनिशा और डॉ. हरिप्रिया ने किया।

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