भारत के लोक सेवा प्रसारक : दूरदर्शन के 65 वर्ष पूरे होने का उत्सव
From its humble beginnings with an experimental broadcast in Delhi, Doordarshan has grown to become one of the largest broadcasting organizations in the world. Over the decades, it has witnessed monumental transformations in technology and audience engagement while steadfastly maintaining its commitment to public service broadcasting. From the days of black and white television to the present era of digital and satellite broadcasting, Doordarshan has continuously evolved to cater to the changing tastes and preferences of its diverse audience. From the era of black-and-white transmission to 35 channels across its network giving every region the flair of its own language through its 6 National Channels, 28 regional channels, and 1 International Channel; Doordarshan continues its journey with the commitment of pioneering Public service broadcasters.
-Uttarakhand Himalaya-
भारत का लोक सेवा प्रसारक दूरदर्शन इस वर्ष बेहद गर्व के साथ अपनी 65वीं वर्षगांठ मना रहा है। 15 सितंबर 1959 को अपनी स्थापना के बाद से ही दूरदर्शन भारतीय मीडिया का आधार रहा है, जो राष्ट्र की आवाज़ के रूप में सेवा प्रदान करते हुए एकता, संस्कृति और शिक्षा को बढ़ावा देता रहा है।
दिल्ली में एक प्रायोगिक प्रसारण के साथ अपनी सादगीपूर्ण शुरुआत से लेकर दूरदर्शन आज दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक बन चुका है। बीते दशकों में, यह लोक सेवा प्रसारण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दृढ़ता से कायम रखते हुए प्रौद्योगिकी और दर्शकों की सहभागिता में आए महत्वपूर्ण परिवर्तनों का साक्षी रहा है। श्वेत-श्याम टेलीविज़न के दिनों से लेकर डिजिटल और उपग्रह प्रसारण के वर्तमान युग तक, दूरदर्शन अपने विविध दर्शकों की बदलती रुचियों और पसंद की कसौटी पर खरा उतरने के लिए लगातार खुद को विकसित करता आया है। श्वेत-श्याम प्रसारण के युग से लेकर अपने नेटवर्क में 35 चैनलों तक, अपने 6 राष्ट्रीय चैनलों, 28 क्षेत्रीय चैनलों और 1 अंतर्राष्ट्रीय चैनल के माध्यम से हर क्षेत्र को उसकी अपनी भाषा में अनुभव प्रदान करते हुए; दूरदर्शन अग्रणी लोक सेवा प्रसारक की प्रतिबद्धता के साथ अपनी यात्रा जारी रखे हुए है।
65 वर्षों की सेवा के बारे में चिंतन
बीते 65 वर्षों में, दूरदर्शन ने भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पौराणिक महाकाव्यों “रामायण” और “महाभारत” से लेकर लोकप्रिय “चित्रहार”, “सुरभि” और “हम लोग” सरीखे कुछ बेहद प्रतिष्ठित टेलीविजन कार्यक्रमों का मंच रहा है, जिन्होंने कई पीढ़ियों को परिभाषित किया है। दूरदर्शन ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए स्थान प्रदान किया है, ग्रामीण और शहरी भारत को एक साथ करीब लाया है, और इसने विभिन्न शैक्षिक और सूचनाप्रद कार्यक्रमों के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाई है।
वर्षगांठ के अवसर पर विशेष कार्यक्रम “दिल से दूरदर्शन, DD @65”
डीडी नेशनल इस उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम “दिल से दूरदर्शन, DD @65” को प्रसारित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह प्रसिद्ध मास्टर जयवीर बंसल और अनिल सिंह, वेंट्रिलोक्विस्ट द्वारा आयोजित एक भव्य कार्यक्रम है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय जादूगर व मेंटलिस्ट और गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स धारक श्री प्रमोद कुमार जैसे प्रतिष्ठित कलाकार प्रस्तुति देंगे। उन्हें अनेक राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनके अलावा देश की सबसे कुशल रेत कलाकारों में से एक और आईडीसी, आईआईटी बॉम्बे की पूर्व छात्रा सुश्री मनीषा स्वर्णकार (रेत कलाकार) हैं। वह बीते 13 वर्षों से रेत कला का प्रदर्शन कर रही हैं और भारत की पहली महिला रेत कलाकार हैं।
पद्मश्री से सम्मानित और बॉलीवुड सेंसेशन श्री कैलाश खेर “दिल से दूरदर्शन, DD @65” कार्यक्रम के स्टार कलाकार होंगे। वह दशकों से अपनी दमदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते आए हैं। उनकी संगीत शैली भारतीय लोक संगीत और सूफी संगीत से काफी प्रभावित है। दूरदर्शन शो रील के लिए वॉयसओवर दिग्गज अभिनेता श्री मनोज बाजपेयी ने किया है।
दूरदर्शन की 65वीं वर्षगांठ पर डीडी नेशनल अपने दर्शकों को बेहतरीन प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस कार्यक्रम का प्रसारण 15 सितंबर को सुबह 10 बजे होगा और रात 8 बजे इसका दोबारा प्रसारण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में दूरदर्शन की समृद्ध विरासत का कीर्तिगान किया जाएगा।
राष्ट्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराना
इस महत्वपूर्ण अवसर पर दूरदर्शन भारत के प्रत्येक नागरिक को विश्वसनीय, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण सामग्री प्रदान करने के अपने मिशन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है। यह प्रसारक समाचार, मनोरंजन और सूचना का एक प्रासंगिक और विश्वसनीय स्रोत बना रहना सुनिश्चित करने के लिए सभी मंचों पर – टेलीविज़न से लेकर मोबाइल फ़ोन तक – दर्शकों तक पहुंच कायम करने के लिए तकनीकी प्रगति को अपनाना जारी रखे हुए है।
भविष्य के बारे में मंथन
जैसे कि दूरदर्शन अपने 66वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, यह नवाचार, समावेश और प्रेरणा की अपनी यात्रा को जारी रखने के लिए तैयार है। अपने समृद्ध इतिहास और लोक सेवा के प्रति समर्पण के साथ, दूरदर्शन भारत की विविधता, विरासत और प्रगति के प्रकाशस्तम्भ के रूप में सेवा प्रदान करता रहेगा।