केंद्रीय टीम ने थराली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय व हवाई सर्वेक्षण

-हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट-
थराली, 8 सितम्बर। पिंडर घाटी में 22 अगस्त और उसके बाद आई दैवी आपदा से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए भारत सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीम ने सोमवार को कुलसारी, थराली सहित विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय और हवाई सर्वेक्षण किया।
22 अगस्त को भारी बारिश और बादल फटने से थराली, देवाल और नारायणबगड़ विकासखंडों में व्यापक तबाही हुई थी। इसी सिलसिले में गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना के नेतृत्व में केंद्रीय टीम ने विधानसभा क्षेत्र थराली के आपदाग्रस्त इलाकों का जायजा लिया।
टीम ने थराली, चेपडो, सोल घाटी सहित कई इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद कुलसारी स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक के राहत शिविर में आपदा प्रभावित परिवारों से बातचीत की। इस दौरान टीम ने चमोली जिला प्रशासन से आपदा के दौरान हुए नुकसान की जानकारी भी ली।
बैठक में प्रभारी सचिव शेर बहादुर, जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी, लोनिवि के अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, निदेशक वीरेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने टीम को बताया कि अब तक के आकलन के अनुसार व्यक्तिगत और सार्वजनिक परिसंपत्तियों को मिलाकर लगभग 1120 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। नुकसान का आंकलन अभी जारी है।
केंद्रीय टीम ने थराली बाजार क्षेत्र में भूस्खलन से प्रभावित हिस्सों का भी निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि जल्द ही पूरे जिले का सर्वेक्षण पूर्ण कर विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेज दी जाएगी। इस दौरान उपजिलाधिकारी पंकज भट्ट, तहसीलदार अक्षय पंकज और थानाध्यक्ष पंकज कुमार सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस मौके पर थराली विधानसभा के विधायक भूपाल राम टम्टा ने केंद्रीय टीम को थराली, देवाल, नारायणबगड़, नंदानगर और मैठाणा क्षेत्र में हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आपदा से जनहानि और पशुहानि के साथ ही बड़ी संख्या में व्यक्तिगत और सार्वजनिक संपत्तियां नष्ट हुई हैं। दर्जनों परिवार बेघर हो गए हैं और कई परिवार अब भी खतरे की जद में हैं।
