डॉक्टरों की भारी कमी से सीएचसी पोखरी बना रेफ़र सेंटर

पोखरी, 1 दिसंबर (राणा)। सुविधाओं के अभाव और डॉक्टरों की गंभीर कमी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पोखरी अब लगभग रेफ़र सेंटर बनकर रह गया है। 10 डॉक्टरों की स्वीकृत क्षमता वाले इस संस्थान में वर्तमान में मात्र चार डॉक्टर तैनात हैं, जिनमें से प्रभारी अधीक्षक डॉ. प्रियम गुप्ता सहित दो डॉक्टर ट्रेनिंग पर हैं और एक डॉक्टर अवकाश पर। ऐसे में पूरे अस्पताल की जिम्मेदारी सिर्फ एकमात्र चिकित्सक के कंधों पर आ गई है।
सोमवार को पूरे दिन ओपीडी और इमरजेंसी ड्यूटी की जिम्मेदारी महिला चिकित्सक डॉ. मोहिनी अकेले संभालती रहीं। लगभग दोपहर 1 बजे एक इमरजेंसी केस आने पर उन्हें OPD छोड़कर इमरजेंसी में जाना पड़ा, जिससे OPD में पहुंचे मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
सोमवार दोपहर भौरोंधार (मोहनखाल) में पोखरी–रुद्रप्रयाग सड़क पर ब्रिस्टवाल निर्माण कार्य के दौरान एक गंभीर दुर्घटना हुई। मजदूर धन बहादुर निर्माणाधीन पुस्तैनी दीवार से नीचे गिर गया, जिससे उसकी आंख, नाक, बाएं हाथ सहित शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। घटना के समय वहां पिछले आठ दिनों से आठ मजदूर कार्यरत थे। घायल धन बहादुर को साथी चिर बहादुर, विनोद बहादुर तथा अन्य मजदूर तुरंत उपचार के लिए सीएचसी पोखरी लेकर पहुंचे।
डॉ. मोहिनी ने बताया कि घायल को टांके लगाकर प्राथमिक उपचार दिया गया और उसकी स्थिति को देखते हुए उसे श्रीनगर के लिए रेफ़र कर दिया गया।
