नकल शिकायतों की न्यायिक निगरानी में होगी जांच
देहरादून, 25 सितम्बर। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा, 2025 में नकल की शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकार ने इस मामले की जांच को न्यायिक निगरानी में कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस जांच की निगरानी के लिए उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
जांच में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित
सचिव गृह, श्री शैलेश बगोली द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा विशेष अन्वेषण दल (SIT) द्वारा की जा रही जांच की गहन निगरानी करेंगे। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित हो। इसके लिए उन्हें प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा करने, शिकायतों और सूचनाओं का संज्ञान लेने तथा SIT को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने का अधिकार भी दिया गया है।
SIT का गठन, जया बलूनी बनीं प्रमुख
राज्य सरकार ने 24 सितंबर 2025 को आदेश जारी कर एक पांच सदस्यीय विशेष अन्वेषण दल (SIT) का गठन किया है। इस दल की अध्यक्षता देहरादून की पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), श्रीमती जया बलूनी करेंगी। SIT को पूरे उत्तराखण्ड में नकल से संबंधित प्रकरणों की गहन जांच करने और दोषियों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह दल स्वतंत्र रूप से तथ्यों की पड़ताल करेगा और नकल के मामलों में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
पारदर्शी जांच से निष्पक्षता की उम्मीद
इस कदम से न केवल नकल की शिकायतों की गहन जांच होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता और निष्पक्षता बरकरार रहे। सरकार और UKSSSC का यह प्रयास अभ्यर्थियों के बीच विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
