मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी में आपदा राहत और पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की

- नैनीताल लोअर मॉल रोड और बागेश्वर पुलों की क्षति पर जल्द कार्यवाही होगी – मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
- ” लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी” – CM धामी ने जिम्मेदारी तय करने के दिए निर्देश
- एक माह में सड़कों का पैचवर्क पूरा करें, जल निकायों से अतिक्रमण हटाएं – मुख्यमंत्री का अल्टीमेटम
- हल्द्वानी-नैनीताल हाईवे पर घटिया हॉट मिक्स कार्य: ठेकेदार और अधिकारी होंगे जवाबदेह
- लालकुआं, बिंदुखत्ता, गोला नदी जैसे क्षेत्रों के स्थाई समाधान को लेकर DPR तैयार
- जलभराव से जल जनित रोगों की आशंका: स्वास्थ्य विभाग को तत्काल तैयारी के निर्देश
- आपदा से नुकसान अब नहीं रहेगा नजरअंदाज़ – सड़कों, पुलों, जल निकायों पर CM की पैनी नज़र
- रिलीफ वर्क में दिखेगी रफ्तार – 443 करोड़ की क्षति के बाद अब ‘रिलीफ मिशन’ का संकल्प
- “हर विभाग तय करे जिम्मेदारी – वरना होगी जवाबदेही” – काठगोदाम से CM का साफ संदेश
- जल निकायों से हटेगा अतिक्रमण, सड़कें होंगी दुरुस्त – एक महीने में दिखेगा बदलाव
- UPNL कर्मियों का वेतन रुका? CM ने लिया संज्ञान – जल्द होगा समाधान
मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी। नैनीताल जिले में लोअर मॉल रोड धंसने, बागेश्वर में पुलों की क्षति, रानीबाग पावर हाउस की समस्याओं, ओखलकांडा और धारी ब्लॉक मार्गों के अवरोध, और राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन जैसी चुनौतियां सामने आई हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि नैनीताल में कुल क्षति का आकलन लगभग 443 करोड़ रुपये है, जिसकी रिपोर्ट भारत सरकार की आपदा विश्लेषण टीम को सौंपी गई है। उन्होंने मानसून काल में हुए नुकसान, राहत-बचाव कार्यों, और संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से दी। साथ ही, चुकम, खुपी गांव और अन्य जोखिम वाले क्षेत्रों के विस्थापन, सड़कों के उपचार, और लालकुआं, बिंदुखत्ता, गोला, नंधौर, कोसी नदियों से होने वाले नुकसान के स्थायी समाधान के लिए तैयार डीपीआर की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष असामान्य वर्षा और भूस्खलन से राज्य के सभी जनपद प्रभावित हुए हैं, और आपदा का असर दो से तीन गुना अधिक रहा है। उन्होंने केंद्र और राज्य संसाधनों का उपयोग कर तेजी से पुनर्निर्माण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक विभाग और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी तय करें, और लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। एक माह के भीतर सड़कों का पैचवर्क, जल निकायों का संरक्षण, और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग को जलाशयों में डी-सिल्टिंग की ठोस योजना बनाने और सुशीला तिवारी अस्पताल के यूपीएनएल कर्मियों के लंबित वेतन का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ है, और सड़कों, जल निकायों, और आवासीय क्षेत्रों में समन्वित प्रयासों से पुनर्निर्माण तेजी से होगा।
मानसून के दौरान जलभराव से होने वाली जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को तत्पर रहने, चिकित्सा केंद्रों में सुविधाएं सुनिश्चित करने, और स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए गए। साथ ही, जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जन निवारण और बहुउद्देशीय शिविर आयोजित करने, क्षेत्र पंचायत बैठकों में अधिकारियों की अनिवार्य भागीदारी, और जनता मिलन कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत, लालकुआं विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, भीमताल विधायक राम सिंह केड़ा, रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल, दायित्वधारी डॉ. अनिल डब्बू, दीपक महरा, शंकर कोरंगा, और मंडलीय अधिकारी उपस्थित रहे।
