गौचर में तनावपूर्ण शांति, भयभीत समुदाय विशेष के लोगों ने दुकानें नहीं खोली, संप्रदायिक अभियान बेरोकटोक जारी
गौचर, 17 अक्टूबर (गुसाईं)। दुकान के आगे स्कूटी खड़ी करने को लेकर हुए विवाद के बाद नगर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है। अलवता बुधवार को भी समुदाय विशेष के लोगों ने अपनी दुकानें नहीं खोली हैं। पुलिस के अनुसार समुदाय विशेष के चार लोगों को जेल भेज दिया गया है।
मंगलवार को दुकान के आगे स्कूटी खड़ी करने के बाद हुई मारपीट के पालिका क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई थी। स्थिति को नियंत्रण करने के लिए परगना मजिस्ट्रेट द्वारा कर्णप्रयाग व गौचर में धारा 163 लगाने के बाद पुलिस ने संख्यात्मक के आधार पर 80 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। इनमें समुदाय विशेष के अन्य लोग भी मौजूद हैं।
हालांकि पुलिस स्थिति को शांत तो बता रही है। गौचर चौकी इंचार्ज लक्ष्मी प्रसाद बिल्जवाण का कहना है कि संख्यात्मक आधार पर लगभग 80 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। फुटेज के आधार पर बलवा करने वालों की पहचान कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
जानकारी के अनुसार अंदर ही अंदर लोग समुदाय विशेष के लोगों को सरकारी व निजी संपत्तियों से बेदखल करने का दबाव भी बना रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद के जिला उपाध्यक्ष भगवती प्रसाद खंडूरी का कहना है कि सभी लोगों से 15 दिन के अंदर समुदाय विशेष के लोगों को अपनी निजी संपत्तियों से बेदखल करने का आग्रह किया जा रहा है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो भविष्य में वे किसी भी प्रकार की परेशानी के लिए स्वयं जवाबदार रहेंगे।
दूसरी ओर पालिका से संबंधित ठेकेदार संघ ने भी नगर पालिका के प्रशासक उप जिलाधिकारी कर्णप्रयाग व पालिका के अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर विशेष समुदाय के लोगों से सरकारी संपत्ति खाली करने का आग्रह किया। क्षेत्र में 10 नवंबर तक धारा 163 लगाने से 14 नवंबर से आयोजित होने वाले प्रदेश स्तरीय गौचर औद्योगिक विकास मेले पर भी असर पड़ने की संभावना भी जताई जा रही है। दरअसल इस मेले में बाहरी समुदाय विशेष के दुकानदारों की संख्या साठ प्रतिशत से ज्यादा होती है।
व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल का कहना है कि मंगलवार के मामले से सभी सहमे हुए हैं। इस तरह से गौचर मेले पर भी असर पड़ सकता है। प्रशासन को दीपावली व गौचर मेले के लिए चौकन्ना रहने की जरूरत है। गौ सेवा आयोग के सदस्य अनिल नेगी का कहना है कि मेला प्रशासन से मेले के दौरान समुदाय विशेष के लोगों को दुकानें आवंटित न करने का आग्रह किया जाएगा। यही नहीं स्थानीय लोगों से भी आग्रह किया जाएगा कि वे भी ऐसे असमाजिक तत्वों को अपने प्रतिष्ठानों व मकानों से बेदखल कर सामाजिक वातावरण बनाए रखने में सहयोग करने की भी अपील की जाएगी।