पूर्व OSD के खिलाफ ठगी का 8वा केस दर्ज होने पर कोंग्रेस ने सरकार को घेरा
देहरादून, 11 मार्च। एक मुख्यमंत्री के एक पूर्व ओएसडी और उसके साथियों पर दून में दर्ज हुए आठवें केस पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने राज्य सरकार को आढ़े हाथों लिया है।
दसौनी ने आज जारी बयान में कहा कि पीसी उपाध्याय, सौरभ वत्स ग्रुप के खिलाफ देहरादून में ठगी का आठवां केस दर्ज हुआ है। पिछले साल इस गैंग के खिलाफ सात मुकदमे दर्ज हुए थे। मामले में सौरभ वत्स और पीसी उपाध्याय पूर्व में गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। गरिमा ने कहा कि सवाल बड़ा यह उठता है कि आखिर पीसी उपाध्याय और उसके साथियों को किसका संरक्षण प्राप्त है और किसके इशारे पर उन्होंने इतने बड़े खेल को अंजाम दे दिया?
दसौनी के अनुसार सवाल यह भी उठना लाजिमी है की एक के बाद एक पीसी उपाध्याय साथियों के साथ मिलकर बड़ी-बड़ी ठगी करता रहा और शासन प्रशासन धृतराष्ट्र बना रहा? गरिमा ने कहा कि यह न सिर्फ शासन का फेलियर है बल्कि लोकल इंटेलिजेंस यूनिट क्या कर रही थी ?
दसौनी ने कहा कि पीसी उपाध्याय की कथित संलिप्तता वाले सभी मामले उजागर होने से उत्तराखंड राज्य की व्यापक स्तर पर किरकिरी हुई है और समाज में इसका बहुत गलत संदेश गया है।
गरिमा ने कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी और उसके गैंग के खिलाफ टेंडर दिलाने के झांसे में ठगी करने को लेकर आठ मुकदमें दर्ज किए गए हो। जिसमें दिल्ली के कारोबारी से 70 लाख रुपये की ठगी के मामले में सोमवार को यह केस दर्ज किया गया है।दसौनी ने बताया कि यह गैंग कई राज्यों के कारोबारियों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। हतप्रभ करने वाली बात तो यह है आरोपियों में एक दिल्ली पुलिस का एएसआई भी शामिल है।
दसौनी ने कहा कि माणिक खुल्लर निवासी जोर बाग, नई दिल्ली की शिकायत पर शहर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है। गरिमा ने कहा कि आरोप है कि टेंडर दिलाने के नाम पर आरोपी पीसी उपाध्याय ने पीड़ित के साथ सचिवालय में बैठके की। टेंडर देने के लिए कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए गए। आरोप है कि इस टेंडर के नाम पर मार्च 2023 में कुल 48 लाख रुपये ले लिए गए। टेंडर मिलने में देरी हुई तो आरोपियों ने एक और टेंडर का लालच दिया। जिसमें सोलर स्ट्रीट लाइट सप्लाई का झांसा दिया। पीड़ित का आरोप है कि गैंग ने उनसे कुल 70 लाख रुपये की ठगी की।
गरिमा ने कहा कि भले ही इस मामले में संलिप्त सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है, परन्तु हम मांग करते हैं कि पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। यह वाकया राज्य की कानून व्यवस्था और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है? और बताता है की जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार में जीरो टॉलरेंस की आड़ में राज्य के अंदर कितने बड़े बड़े कारनामों को अंजाम दिया जा रहा है।