आपदा/दुर्घटना

राष्ट्रीय राजमार्गों पर घातक और गंभीर दुर्घटनाओं वाले ब्लैक स्पाट्स की संख्या में आई कमी

National highways in India have identified “black spots,” dangerous locations with a high concentration of accidents, and the government is working on rectifying these areas through short-term and long-term measures. 

नयी दिल्ली, 13 मार्च। राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर कुछ स्थानों को घातक और गंभीर चोटों से जुड़ी दुर्घटनाओं की एक निश्चित संख्या की घटना के आधार पर ब्लैक स्पॉट के रूप में पहचान की गई है। सरकार ने ऐसे ब्लैक स्पॉट पर तत्काल अल्पकालिक उपायों के लिए कदम उठाए हैं, जैसे कि सड़क चिह्नों, संकेत, क्रैश बैरियर, रोड स्टड, सीमांकक, बीच सडक में अनधिकृत ओपनिंग को बंद करना, यातायात को स्थिर करने के उपाय आदि। सड़क ज्यामिति में सुधार, जंक्शन सुधार, कैरिजवे का स्पॉट चौड़ीकरण, अंडरपास/ओवरपास का निर्माण आदि जैसे दीर्घकालिक उपाय भी स्थायी सुधार उपायों के रूप में ऐसे ब्लैक स्पॉट पर किए जाते हैं।
यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने सदान को बताया कि ब्लैक स्पॉट में सुधार एक सतत प्रक्रिया है और तत्काल आधार पर अस्थायी उपाय किए जाते हैं। देश में एनएच पर पहचाने गए कुल 13,795 ब्लैक स्पॉट में से 5,036 ब्लैक स्पॉट पर दीर्घकालिक सुधार पूरा हो चुका है।

सरकार द्वारा संबंधित राज्य सरकारों से प्राप्त दुर्घटना रिपोर्टों के आधार पर ब्लैक स्पॉट की पहचान की जाती है, जो घातक और गंभीर चोटों से जुड़ी दुर्घटनाओं की एक निश्चित संख्या की घटना के मानदंडों को पूरा करते हैं।

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 215 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 07.08.2023 की अधिसूचना के माध्यम से, माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद का गठन किया गया है, जिसमें सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सड़क परिवहन प्रभारी मंत्रियों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित आधिकारिक सदस्य हैं। इसके अलावा, समय-समय पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।

सड़क दुर्घटना डेटा की रिपोर्टिंग, प्रबंधन और विश्लेषण के लिए एक सेंट्रल रिपॉजिटरी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) परियोजना स्थापित की गई है। सरकार ने ई-डीएआर प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटना स्थलों को हटाने के लिए अग्रिम कार्रवाई करने के लिए फरवरी, 2024 में दिशानिर्देश भी जारी किए हैं, जिससे रियल टाइम में सड़क सुरक्षा उपायों को बढ़ाया जा सके।

 

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