डिजिटल एरा में अवेयरनेस ही आपका सुरक्षा कवच

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ख़ास बातें

  • टेक्निकल सत्रों में व्हाट्सप्प, एडिडास, थ्रेटस्पाइक, यूके के आला अफसरों ने भी की शिरकत
  • श्री अनुज अग्रवाल बोले, डिजिटल फॉरेंसिक प्लेटफार्म स्टुडेंट्स के लिए स्वर्णिम अवसरों का द्वार
  • डिजिटली प्लेटफार्म पर संवाद करते वक़्त बेहद चौकन्ना रहने की दरकार: कुलाधिपति
  • डीआईजी श्री शलभ माथुर बोले, इंडस्ट्री 4.0 का विकास रथ एक चिप में समाहित
  • 75% साइबर क्राइम पर नियंत्रण आपके ही हाथों में: प्रो. रघुवीर सिंह
  • सीएसआई- एसआईजी ने दिया प्रो. आरके द्विवेदी को इंजीनियरिंग कॉलेज का बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड
  • कम्प्यूटिंग विज़न, एस एंड टी रिव्यू जर्नल और डब्ल्यूईडीपी प्रोसिडिंग का विमोचन

 प्रो. श्याम सुंदर भाटिया / श्री नवनीत विश्नोई

इस तकनीकी काल में डाटा की सुरक्षा वास्तव में देश की सुरक्षा के मानिंद है, इसीलिए डिजिटल युग में साइबर सिक्योरटी एक अहम् मुद्दा है, जिसका व्यक्ति, समाज और देश तीनों से गहरा नाता है। यह हकीकत है, किसी देश की सम्प्रभुता डाटा की सुरक्षा पर ही निर्भर है। यह डाटा हमारी आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, सामरिक और व्यक्तिगत जीवन में बैक-बोन के समान है। साइबर चोरी से किसी भी देश की नींव हिल जाती है, ऐसे में अवेयरनेस ही आपकी सेफ गार्ड है। साइबर चोरों को तकनीकी दुनिया में हैकर्स के नाम से जाना जाता है। इनसे लड़ने के लिए इन्हीं के दांव पेचों को अपनाना होगा। हैकर्स को चित्त करने के लिए एथिकल हैकिंग के टूल्स की दरकार है। इस सच्चाई से भी इंकार नहीं किया जा सकता है, हम साइबर एक्टिविटी के बाद अपनी पहचान के पद-चिन्ह छोड़ते जाते हैं, जो साइबर ठगों के लिए छेद का काम करते हैं। यह मानना है, देश के नामचीन साइबर विशषज्ञों और शिक्षाविदों का। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में कम्बैटिंग साइबर क्राइम चैलेंजेज़ और लीगल रिस्पॉन्स पर टीएमयू के फ़ैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज़- एफओईसीएस और कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया की एसआईजी ऑन साइबर क्राइम एंड डिजिटल जूडिशियरी और सेंटर फॉर रिसर्च ऑन साइबर क्राइम एंड साइबर लॉ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिनी नेशनल सेमिनार में देश के जाने-माने साइबर एक्सपर्ट्स और प्रोफ़ेसर्स जुटे। इससे पूर्व मुरादाबाद के डीआईजी  श्री शलभ माथुर ने बतौर मुख्य अतिथि माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया। इस मौके पर टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह, एसएसपी, मुरादाबाद श्री बबलू कुमार और सेंटर फॉर रिसर्च ऑन साइबर क्राइम एंड साइबर लॉ के सीईओ श्री अनुज अग्रवाल, एफओईसीएस के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी की भी गरिमामई मौजूदगी रही। इस अवसर पर कम्प्यूटिंग विज़न मैगज़ीन वॉल्यूम-6 इश्यू-4, एस एंड टी रिव्यू जर्नल और डब्ल्यूईडीपी प्रोसिडिंग का विमोचन भी हुआ। साइबर सिक्योरटी को लेकर इस सेमिनार का संचालन डॉ. सोनिया जयंत औऱ श्रीमती नेहा आनंद ने किया। सेमिनार में अतिथियों का न केवल बुके देकर गर्म जोशी से स्वागत किया गया, बल्कि स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए। दूसरी ओर टेक्निकल सत्रों में एसोसिएट जनरल कॉउन्सिल लीगल व्हाट्सप्प इंडिया श्री आशीष चंद्रा, लीगल डायरेक्टर एडिडास इंडिया श्री पुलिन कुमार, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज के डीन प्रो. जयशंकर सिंह, सीओ हाईवे ट्रैफिक डॉ. गणेश गुप्ता, थ्रेटस्पाइक, यूके के उत्पाद प्रबंधक श्री तरुण गोयल ने साइबर सिक्योरिटी पर न केवल अनुभव साझा किए बल्कि नियमों से भी अपडेट किया। सेमिनार में एमजीबी श्री अक्षत जैन की भी उल्लेखनीय मौजूदगी रही। कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया- एसआईजी की ओर से इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए प्रो. आरके द्विवेदी को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड भी दिया गया है । इस अवार्ड से देश के साइबर एक्सपर्ट श्री अनुज अग्रवाल ने उन्हें सम्मानित किया ।

 

मुरादाबाद रेंज के डीआईजी श्री शलभ माथुर ने बतौर मुख्य अतिथि रिलायंस का स्लोगन- दुनिया कर लो मुठ्ठी में… के तर्ज पर कहा, इंडस्ट्री 4.0 का विकास रथ एक चिप में समाहित है। ऐसे में साइबर सिक्योरिटी का सवाल भी अहम हो जाता है। डिजिटल फुटप्रिंट की चर्चा करते हुए बोले, इंटरनेट पर कार्य करते वक़्त क्या जानकारी साझा करनी है, इसको सुनिश्चित करना आपका काम है। यूपी सरकार साइबर क्राइम को लेकर बेहद संजीदा है। नतीजतन सूबे में हालिया स्थापित 18 थाने केवल साइबर अपराधों के मामले ही देखेंगे। प्रदेश में एडीजी साइबर क्राइम का पद भी सृजित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी स्वीकारा, सामान्य अपराध की अपेक्षा साइबर क्राइम की एफआईआर करना थोड़ा मुश्किल है। उन्होंने टीमएयू के स्टुडेंट्स को सलाह दी, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए छोटे-छोटे वीडियो बनाकर पब्लिक डोमेन में डालें  ताकि साइबर ठगों को पकड़ना आसान हो जाए औऱ आम आदमी भी ऐसे ठगों को लेकर सावधान हो जाए। उन्होंने अपने सम्बोधन के अंत में यह कहा, जागरूकता ही आपका सुरक्षा कवच है। श्री माथुर मुरादाबाद की साइबर सेल की उपलब्धि का ज़िक्र करना भी नहीं भूले, जिसकी सक्रियता से साइबर अपराध के 30 लाख रूपए वसूले जा चुके हैं। बतौर गेस्ट ऑफ़ ऑनर साइबर एक्सपर्ट श्री अनुज अग्रवाल बोले, हम इंटरनेट को प्रयोग करते हैं तो अनजाने में अपनी महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा कर देते हैं। ये सूचनाएं हमारी पसंद या नापसंद हमारी लोकेशन, या कारोबार के ठिकाने, मित्र मंडली से जुड़ी होती  हैं। ऐसे में हमें विश्वास के एप्पस और वेब पेजेज पर ही अपनी व्यक्तिगत इंफॉर्मेशंस संभल कर शेयर करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि डिजिटल फॉरेंसिक एक नया प्लेटफार्म है, जहां मजबूत आईटी ढांचे को तैयार करने औऱ साइबर क्राइम को रोकने के लिए युवाओं की दरकार है। इसके अलावा ऐसी मेधा भी चाहिए, जो साइबर सिक्योरिटी की नीतियों के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दें। उन्होंने अपना सम्बोधन यह कहकर समाप्त किया कि दरवाजा बंद होने का मतलब यह नहीं है, वह सचमुच में बंद है, जरा खटखटा कर भी देखना चाहिए। उन्होंने सलाह दी, स्टुडेंट अब स्टडी के संग-संग इंडस्ट्री भी रन कर सकते हैं ।

 

टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, मौजूदा वक़्त में टेक्नोलॉजी मानव जाति की विकास यात्रा में वरदान बन गयी है, लेकिन अस्सी के दौर में टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस नहीं थी। साइबर सिक्योरिटी को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए बोले, डिजिटल एरा में इसकी सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को आशावादी रहने की सलाह दी। साथ ही बोले, डिजिटली युग में संवाद करते वक़्त या कोई मैसेज ड्राफ्ट करते वक़्त बेहद सतर्क रहने की दरकार है। कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह ने कहा, कोविड काल भले ही साइबर ठगों के लिए अवसर काल बनकर उभरा हो, वाबजूद इसके 75%  साइबर क्राइम को आप खुद ही कंट्रोल कर सकते हैं। आपको किसी भी डिजिटल प्लेटफार्म पर सावधान रहते हुए आगे बढ़ना है। उदाहरण के तौर पर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को अप  टू डेट रखना चाहिए। एफओईसीएस के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी ने सेमिनार में अतिथियों का वार्म वेलकम करते हुए कहा, यूँ तो साइबर क्राइम मानवता का शत्रु है लेकिन डिजिटल के रास्ते छोड़े नहीं जा सकते हैं, क्योंकि मौजूदा वक़्त में विकास का खाका डिजिटल प्लेटफार्म से ही संभव है। उन्होंने साइबर क्राइम को रोकने के लिए एक डिजिटली पॉलिसी बनाने की पुरजोर वकालत की । साइबर सिक्योरिटी को लेकर हुई सी सेमिनार में  निदेशक प्रशासन श्री अभिषेक कपूर, निदेशक टिमिट प्रो. विपिन जैन, डॉ. आशेंद्र सक्सेना, डॉ. शंभू भारद्वाज, प्रो. आरसी त्रिपाठी, श्रीमती रंजना शर्मा, डॉ. मेघा शर्मा, श्री मनीष तिवारी आदि मौजूद रहे।

 

 

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