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अनफ़िल्टर्ड : द लिटिल थिंग्स पर दून पुस्तकालय में हुई  चर्चा

देहरादून 13 मई, 2025. दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सायं लेखिका रत्ना मनुचा की सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘अनफिल्टर्ड – द लिटिल थिंग्स’ पर एक शानदार चर्चा आयोजित की गई।

चर्चा के सत्र का संचालन दून गर्ल्स स्कूल की निदेशक (योजना, रणनीति और प्रशिक्षण) तथा सह-संस्थापक मोनिशा दत्ता ने किया.कार्यक्रम से पूर्व निकोलस हॉफलैंड ने पुस्तक के साथ ही लेखक और संचालक दोनों का परिचय दिया.

अनफ़िल्टर्ड – द लिटिल थिंग्स,पुस्तक लेखिका ने अपनी की माँ को समर्पित किया है, जो उनकी लिखी हर चीज़ की पहली पाठक होती थीं। भारत के कुछ बेहतरीन लेखकों, जैसे लेडी किश्वर देसाई, मेजर जनरल इयन कार्डोज़ो, डॉ. संजीव चोपड़ा, गणेश सैली, बिक्रम वोहरा, रोशन दलाल और भारती प्रधान आदि ने इस पुस्तक की बहुत प्रशंसा की है।

रत्ना का आत्म-निंदा करने वाला हास्य, मानवीय व्यवहार के बारे में तीखे अवलोकन और हमारे दैनिक जीवन में होने वाली सामान्य, नीरस घटनाओं के संदर्भ में तीखे कटाक्ष, कविताओं और लेखों के तौर पर इस नायाब संग्रह में दिखाई देते हैं। उनके अपने शब्दों में, ‘एक पहेली की तरह, हमेशा छोटी-छोटी चीजें ही हमारे जीवन को बनाती हैं’।

मोनिशा ने बातचीत को कुछ ऐसे लेखों की ओर मोड़ दिया, जिनसे हर भारतीय जुड़ सकता है। लेखिका रत्ना मनुचा ने बताया कि किताब का विचार कैसे आया और यह वास्तव में कैसे सामने आया।

इस सत्र में साहित्य प्रेमियों की अच्छी खासी उपस्थिति रहीऔर उन्होंने लेखक से विभिन्न बिंदुओं पर कई सवाल भी पूछे।

उपस्थित कई लोगों ने पहले से ही पुस्तक पढ़ी हुई थी. उन्होंने महसूस किया कि इन अंधकारमय और संकटपूर्ण समयों में, पुस्तक सही समय पर आई है. पुस्तक कई हास्यपूर्ण लघुचित्र और कविताओं से भरपूर है।

रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी कई रोचक बातें हर पाठक के चेहरे पर मुस्कान लाने में मदद करती हैं। एक पाठक ने टिप्पणी की कि यह किताब रोजमर्रा की जिंदगी पर एक शानदार किताब है, जो सामान्य पलों को भी हंसी से लोटपोट कर देने वाली कहानियों में बदल देती है। अपनी तीक्ष्ण बुद्धि और सहज हास्य के साथ, लेखिका ने सबसे सरल चीजों को भी बेहद मनोरंजक बना दिया है।

कुल मिलाकर यह एक मजेदार व हल्की-फुल्की शाम रही. बातचीत का समापन लेखिका द्वारा अपनी पुस्तक ‘अनफिल्टर्ड- द लिटिल थिंग्स’ के कुछ अंशों को वाचन के साथ हुआ. पाठकों के लिए यह पुस्तक अमेज़न पर उपलब्ध है। पुस्तक का चित्रण अनुप्रिया ने बहुत सुन्दर ढंग से किया है।

कार्यक्रम के दौरान शहर के कई साहित्यकार, लेखक, साहित्य प्रेमी, पाठक सहित चंद्रशेखर तिवारी, निकोलस होफलैंड, मेघा, सुंदर सिंह बिष्ट,अरुण कुमार असफल, आलोक सरीन, ए के कुकसाल, कुलभूशण, भारत सिंह रावत आदि उपस्थित रहे.

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