पर्यावरण

सैन्य परिवार भी जुड़े प्लास्टिक बैंक अभियान से

*एसडीसी फाउंडेशन के प्लास्टिक बैंक अभियान से भारतीय सेना के देहरादून शहर के 4 हजार परिवारों के जुड़ने की उम्मीद*

देहरादून, 25 जून। देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन का प्लास्टिक बैंक अभियान समाज के अलग अलग वर्गों में अपनी पहुँच बढ़ा रहा है। विभिन्न स्कूलों, अस्पतालों, यूनिवर्सिटी और सरकारी व प्राइवेट संस्थानों के बाद अब सैन्य छावनी और सैन्य बलों के परिवार भी इस अभियान से जुड़ रहे हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में देहरादून के गढ़ी कैंट कंटोनमेंट क्षेत्र में रहने वाले 4 हजार से ज्यादा सैन्य परिवारों के इस अभियान से जुड़ जाने की उम्मीद जताई गई है।

एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल के अनुसार बीते 5 जून को गढ़ी कैंट, देहरादून कंटोनमेंट क्षेत्र में उन्हें विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम के अवसर पर भारतीय सेना द्वारा मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सैन्य अधिकारी, सैनिक और उनके परिवारों के सदस्य मौजूद थे।

उन्होंने इस मौके पर उत्तराखंड के समसामयिक विषयों को साझा करने के अलावा उपस्थित सैन्य परिवारों से अपने अपने घरों में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने और उसे जमा करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था की इस प्लास्टिक कचरे को एसडीसी फाउंडेशन अपने प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन एंड लर्निंग सेंटर में सेग्रिगेट कर आगे इस कचरे की रीसाइक्लिंग की व्यवस्था करेगा ।

अनूप नौटियाल के अनुसार इस अपील के बाद सैन्य अधिकारियों और सैनिकों के 100 से ज्यादा परिवारों ने अपने घरों में एकत्रित किया गया प्लास्टिक कचरा कैंटोनमेंट क्षेत्र में स्थित महिंद्रा ग्राउंड में एसडीसी फाउंडेशन को हाल ही में सौंपा। इसके साथ ही अधिकारियों ने इस कार्यक्रम को कंटोनमेंट क्षेत्र में आगे भी लगातार जारी रखने की इच्छा जताई। उन्होंने आश्वासन दिया कि क्षेत्र में रहने वाले सैन्य अधिकारियों, सैनिकों और कर्मचारियों के 4 हजार से ज्यादा परिवारों को इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाने का प्रयास किया जाएगा।

अनूप नौटियाल ने कहा कि जिस तेजी से प्लास्टिक कचरे का विस्तार हो रहा है, उसी तेजी से सरकार और समाज को प्लास्टिक कचरे को लेकर जागरूक होने की जरुरत है। ऐसे माहौल में प्लास्टिक बैंक अभियान इस कचरे से निपटने का एक विकल्प साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि एसडीसी फाउंडेशन ने अभी तक देहरादून में 135 प्लास्टिक बैंक स्थापित किये हैं और आने वाले दिनों में इस अभियान को जन आंदोलन बनाने की दिशा में और आगे बढ़ा जायेगा ।

महिंद्रा ग्राउंड में सेना के प्रशासनिक अधिकारी, स्वछता निरक्षक त्रिभुवन और गिरीश, विजय राणा, अन्य जवान और सरदार साहिबान मौजूद रहे और सभी ने बढ़ चढ़कर भाग लिया । इस अभियान में एसडीसी फाउंडेशन के दिनेश सेमवाल, प्रवीण उप्रेती, अभिषेक भट्ट, बिट्टू और सुभाष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

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