रक्षामंत्री ने कहा दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं

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देहरादून 15 दिसंबर(उ हि ) । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को सैन्यधाम में शहीद परिजनों का सम्मान किया। वह देहरादून के सैन्यधाम पहुंचे और शहीदों के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में देहरादून के 204 शहीद परिजनों को सम्मानित किया गया।

इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज से चार साल पहले कहा था कि उत्तराखंड में चार धाम हैं। एक पांचवा धाम सैन्य धाम होना चाहिए। यह जो काम शुरू हुआ है, जल्दी से जल्दी पूरा होना चाहिए। उत्तराखंड वीरों की धरती है। यह शौर्य पराक्रम की भूमि है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु में हुए आमी हेलीकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया और दो मिनट का मौन रखा।

हटाए गए त्रिवेंद्र रावत की भी सराहना कर गए राजनाथ 

रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश कुछ न कुछ नापाक हरकतें करता रहता है। हम दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, अब लिया जाता है। कहा कि पीएम ने गतिशक्ति मास्टर प्लान का उद्घाटन किया है, जिसकी लागत 100 लाख करोड़ है। इससे देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो सकेगा। पिछले पांच साल में उत्तराखंड में विकास हुआ है, इसे कोई नकार नहीं सकता। आज सबसे बड़ी चुनौती कनेक्टिविटी की समस्या थी। रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी की दिशा में काम हुआ है। ऑल वेदर रोड पर जो रुकावट थी, अब दूर हो गई है। ऑल वेदर रोड गढ़वाल और कुमाऊं को और करीब लाएगी। पर्यटन की दृष्टि से, आध्यात्मिक दृष्टि से कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। मैं उत्तराखंड सरकार को बधाई देता हूं। पहले त्रिवेंद्र रावत और अब पुष्कर सिंह धामी ने सराहनीय काम किया है। ऑल वेदर रोड का सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है।कहा कि सीमा पर रहने वाले नागरिक स्ट्रेटेजिक असेट्स हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा नेपाल से हमारे सांस्कृतिक रिश्ते हैं

राजनाथ सिंह ने कहा कि नेपाल से हमारे रोटी बेटी के रिश्ते हैं। सांस्कृतिक रिश्ते हैं। कुछ ताकतें ऐसी हैं जो इस रिश्ते को खराब करना चाहती है। भले ही हमें शीश झुकाना पड़े, लेकिन अपने पड़ोसी नेपाल से रिश्ते को टूटने नहीं दिया जाएगा।तिब्बत से भी हमारे रिश्ते बेहतर रहे हैं। 16 दिसंबर 1971 को हमारे सैनिकों के पराक्रम की वजह से पड़ोसी मुल्क के सैनिकों ने सरेंडर किया था। भारत अब मजबूत भारत बन रहा है। अगर हमारे देश की तरफ कोई आंख उठाने की कोशिश करेगा तो हम मुंह तोड़ जवाब देंगे। पीएम मोदी ने रक्षा मामले में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। आज हम दुनिया के 72 देशों को सैन्य सामान निर्यात कर रहे हैं। पहले हम 65 से 70 फीसदी सैन्य सामान दूसरे देशों से मांगते थे, लेकिन अब यहीं बनाते हैं।

हम देहरादून से नाइट विजन डिवाइस अगले साल तक दुनिया को निर्यात करना शुरू करेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि जब पिछली बार मैं आया था तो मैंने कहा था कि धामी धाकड़ बल्लेबाज हैं। अब मैं यह कह सकता हूं कि धामी धाकड़ बल्लेबाज होने के साथ ही तेज गेंदबाज भी हैं। 2024 में उत्तराखंड की स्थापना के 25 साल पूरे होंगे। तब ऐसे हालात होने चाहिए कि विकास का जश्न भी हम मना सकें।

शहीद वही हो सकता है, जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री की उपब्लिधों को गिनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देशों को भी दो टूक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि 1734 शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी लेकर उत्तराखंड में सैन्य धाम बनेगा। शहीद वही हो सकता है, जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। छोटे मन के लोग यहां काम नहीं कर सकते। जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य था तो 14 और 18 साल के युवाओं ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। वह राष्ट्र भावना थी। चंद्रशेखर आजाद ने 26 साल में, अशफाक उल्ला खान ने 23 साल की उम्र में बलिदान दिया था। जब अशफाक से पूछा गया कि अंतिम इच्छा क्या है तो उन्होंने कहा कि मेरी मां को यह संदेश भिजवा देना कि आज उसका बेटा फांसी के तख्ते पर खड़ा होकर शादी कर रहा है।

सरकार जनरल बिपिन रावत के सारे सपने  पूरा करेगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रक्षा मंत्री स्वयं एक किसान पुत्र हैं। वह सैनिकों, पूर्व सैनिकों की भावनाओं से भलीभांति परिचित हैं। संबोधन के दौरान उन्होंने जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा कि जनरल रावत के उत्तराखंड राज्य को लेकर बहुत सपने थे। हमारी सरकार उनके सारे सपनों के अनुरूप उनकी सभी आकांक्षाओं को पूरा करेगी। यह सैन्य धाम हमारी सरकार पूर्ण मनोयोग से बनाएगी। यह देशभर के युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करेगा। यह सैन्य धाम हमेशा वीरों का स्मरण कराएगा। सैन्य परिवार से आने के कारण उनके संघर्ष को मैं भलीभांति समझ सकता हूं।

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