पर्यावरणब्लॉग

पर्यावरणीय चिंताओं के बावजूद भारत में बढ़ रहा है वनावरण और सुधर रहा वन्यजीवों का आंकड़ा

 

The increase in green cover has led to a significant rise in the population of wild animals. In the past five years, the tiger population has increased from 118 to 173, the population of elephants has increased from 265 to 352 and the number of storks has also grown from 13,670 to 17,586.

 

By-Usha Rawat

मानवीय और प्राकृतिक कारणों  से पर्यावरणीय संतुलन में गड़बडी से जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के बावजूद भारत में वनावरण का आकार बढ़ने के साथ ही  बाघों की संख्या में वृद्धि परिलक्षित हो रही है। बाघ जैसे मांसहारी जीवो की संख्या बढ़ना वन्यजीव संसार में वृद्धि का ही संकेत माना जाता है।

भारत राज्य वन रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2021 के अनुसार, भारत में कुल वन और वृक्ष आवरण 80.9 मिलियन हेक्टेयर है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62 प्रतिशत होता है। इसमें से, 2019 की तुलना में, वन आवरण में 1,540 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 721 वर्ग किमी की वृद्धि देखी गई है। 2020 की तुलना में, अक्टूबर 2023 तक, 589.70 करोड़ पौधे लगाए गए और कुल 8.77 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र वृक्षारोपण के तहत कवर किया गया।

PM Modi released wild Cheetahs – which had become extinct from India, in Kuno National Park, in Madhya Pradesh on September 17, 2022.

इसी तरह देश में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या, जो वर्ष 2014 में 745 थी, बढ़कर 998 हो गई है। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 5.28 प्रतिशत है। देश में सामुदायिक आरक्षित क्षेत्रों की संख्या वर्ष 2014 में 43 थी, जो बढ़कर वर्तमान में 220 हो गई है।

2014 के बाद से, देश भर में 49 नई आर्द्रभूमियों को रामसर (अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि) स्थलों के रूप में चिन्हित किया गया है, जिससे इनकी कुल संख्या 75 हो गई है। वर्तमान में, एशिया में रामसर स्‍थलों का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क भारत में है। पर्यावरण दिवस 2023 पर, सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से रामसर स्‍थलों के संरक्षण के लिए अमृत धरोहर योजना शुरू की गई है। सभी 75 रामसर साइटों की जीव-जंतु सूची 1 सितंबर 2023 को (जेडएसआई) द्वारा प्रकाशित की जा चुकी है और 75 रामसर स्‍थलों के लिए पुष्प सूची बनाने की तैयार की जा रही है।

वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2023: एनडीसी की देश की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने के लिए, कार्बन तटस्थता, अस्पष्टताओं को खत्म करना और विभिन्न भूमियों में अधिनियम की प्रयोज्यता के बारे में स्पष्टता लाना, गैर-वन भूमि में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना, वनों की उत्पादकता में सुधार लाने के लिए वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2023 को लागू करके मौजूदा अधिनियम में संशोधन किया गया है। पिछले दो वर्षों के दौरान, वन संरक्षण प्रभाग ने, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत, अनुमोदन की प्रक्रिया को और अधिक कारगर बनाने के लिए लगभग 60 दिशानिर्देश या स्पष्टीकरण जारी किए हैं।

 

 

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