टैरिफ़ का तोड़ मिल गया?

By- Milind Khandekar
अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर 50% टैरिफ़ 27 अगस्त से लगा दिया है. इससे अटकलें लगने लगीं कि भारत की अर्थव्यवस्था मुश्किल में आ सकती है. शेयर बाज़ार में डर का माहौल है. हिसाब किताब में समझेंगे कि टैरिफ़ का असर कितना पड़ेगा?
आपको याद होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ‘Dead Economy’ कहा था. शुक्रवार को सरकार ने GDP के जो आँकड़े जारी किए उससे पता चल गया कि अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी है. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रोथ 7.8% रही है. आप कह सकते हैं कि पहली तिमाही में टैरिफ़ लागू नहीं हुआ था. अब लागू हुआ है तो आने वाले महीनों में इसका असर दिखेगा.
टैरिफ़ का कोई असर नहीं पड़ेगा यह कहना ग़लत होगा. भारत हर साल अमेरिका को $86 बिलियन (₹7.3 लाख करोड़) का सामान बेचता है. इसमें से आधे से ज़्यादा सामान पर अब 50% टैरिफ़ लगेगा जैसे कपड़े, हीरे जवाहरात. बाक़ी देशों पर टैरिफ़ कम है इसलिए भारत को यह सामान अमेरिका में बेचने में दिक़्क़त होगी. इतना महंगा कौन ख़रीदेगा? रॉयटर्स के मुताबिक़ इसके चलते भारत में 20 लाख लोगों की नौकरी जा सकती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि इससे GDP में 0.2% नुक़सान हो सकता है. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पूरे साल भर की ग्रोथ 6% से नीचे जा सकती है.
इस आपदा में ही अवसर है, सरकार ने दो ऐसे फ़ैसले किए हैं जिससे टैरिफ़ की नुक़सान भरपाई होने की उम्मीद है.पहला फ़ैसला बजट में ही हो गया था कि ₹12 लाख तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. दूसरा फ़ैसला GST के ज़्यादातर आइटम 5% और 18% के दायरे में लाना. GST का रिफॉर्म बहुत समय से पेंडिंग है लेकिन टैरिफ़ के बाद इस पर ताबड़तोड़ फ़ैसला लिया जा रहा है. SBI रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि दोनों फैसलों से लोगों के हाथ में पैसा आएगा. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ साल भर में ₹5 लाख करोड़ खपत बढ़ेगी. ग्रोथ में 1.6% बढ़ोतरी होगी यानी टैरिफ़ से जो नुक़सान होगा उससे कहीं ज़्यादा फ़ायदा इन फैसलों से होने की उम्मीद है.
वित्त मंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि इस पूरे साल ग्रोथ 6.3% से 6.8% बनी रहेगी यानी जो अनुमान टैरिफ़ से पहले लगाया गया था सरकार उस पर क़ायम है. उन्होंने एक बात और जोड़ी है कि टैरिफ़ का मसला इस वित्त वर्ष के दौरान सुलझने की उम्मीद है. टैरिफ़ का तोड़ तो सरकार ने फ़िलहाल ढूँढ लिया है लेकिन अमेरिका के साथ व्यापार को सुगम बनाने पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है.
